Classification Of Network in Hindi

Classification Of Network

नेटवर्क को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि उनके आकार, भूगोलिक विस्तार और उपयोग के अनुसार।

मुख्य रूप से नेटवर्क को LAN (local area network), MAN (Metropolitan area Network) और WAN (Wide Area Network) में बाँटा जाता है।

LAN छोटे क्षेत्र, जैसे किसी ऑफिस या घर तक सीमित होता है, जबकि MAN एक शहर या बड़े क्षेत्र को कवर करता है। WAN दूरस्थ स्थानों को जोड़ता है, जैसे इंटरनेट।

इसके अलावा, नेटवर्क को क्लाइंट-सर्वर और पीयर-टू-पीयर मॉडल में भी वर्गीकृत किया जाता है। क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क में एक केंद्रीय सर्वर डेटा प्रबंधित करता है, जबकि पीयर-टू-पीयर में सभी डिवाइस समान रूप से साझा करते हैं।

नेटवर्क का वर्गीकरण उनकी संरचना, उद्देश्य और Technology पर निर्भर करता है।

Classification Of Network in Hindi

इसके कुछ प्रमुख वर्गीकरण इस प्रकार हैं:

1. Based on Geographical Area (भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर)

इस network को भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर बता गया है जिसमे विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर और डिवाइस को आपस में connect करके जानकारीयां share किया जाता हैं।

इस network को उनके आकार, क्षेत्र, और उपयोगिता के अधार पर अलग-अलग प्रकार में वर्गीकृत किया गया है। इसमें डेटा शेयर करने के अलग-अलग method होते है जैसे केबल के माध्यम से और वायरलेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से। इनके विभिन्न तरीको और क्षेत्र के अनुशार अलग-अलग भागो में बाटां गया है:

  1. लोकल एरिया नेटवर्क (LAN – Local Area Network)
  2. मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क (MAN – Metropolitan Area Network)
  3. वाइड एरिया नेटवर्क (WAN – Wide Area Network)
  4. पर्सनल एरिया नेटवर्क (PAN – Personal Area Network)
  5. वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLAN – Wireless Local Area Network)

2. Based on Ownership

Public Network: पब्लिक नेटवर्क वह नेटवर्क होता है जो सार्वजनिक उपयोग के लिए इस्तेमाल होता है और ईसमें कोई भी व्यक्ति कनेक्ट हो सकता है, इसका इंटरनेट इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। लेकिन ये नेटवर्क सभी के लिए खुले होते हैं, इसलिए इसमें हैकिंग या डेटा चोरी का खतरा ज़्यादा होता है।

उदाहरण:

  • रेलवे स्टेशन का फ्री Wi-Fi
  • एयरपोर्ट का ओपन इंटरनेट
  • कोई सार्वजनिक लाइब्रेरी का नेटवर्क
  • मोबाइल डेटा नेटवर्क (4G/5G)

Private Network: एक प्राइवेट नेटवर्क वह नेटवर्क है जो विशेष रूप से कुछ चुने हुए उपयोगकर्ताओं के लिए डिजाइन किया गया होता है।

इसे आमतौर पर कंपनियों, संस्थानों, स्कूलों, कार्यालयों या घरों में प्रयोग किया जाता है, ताकि डेटा और संसाधनों को सुरक्षित और व्यक्तिगत तरीके से साझा किया जा सके।

उदाहरण:

  • स्कूल या कॉलेज की कंप्यूटर लैब का नेटवर्क
  • ऑफिस का Intranet
  • घर का Wi-Fi
  • बैंकिंग नेटवर्क

3. Based on Connectivity

Wired Network

Wired network एक ऐसा प्रणाली है जिसमें विभिन्न उपकरण, जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और प्रिंटर, तारों या केबल के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और डेटा साझा करते हैं।

यह नेटवर्क इंटरनेट, फ़ाइल स्थानांतरण, या उपकरणों के बीच संचार के लिए उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • Ethernet Cable (CAT5, CAT6)
  • Fiber Optic Cable
  • Coaxial Cable
  • Twisted Pair Cable

Wireless Network

यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसमें उपकरणों को वायरलेस सिग्नल के जरिए जोड़ा जाता है, उदाहरण के लिए, वाई-फाई।

यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें इंटरनेट डेटा, आवाज़, या किसी अन्य जानकारी को एक उपकरण से दूसरे उपकरण में भेजने के लिए रेडियो तरंगों (Wi-Fi, Bluetooth आदि), infrared, तथा अन्य invisible waves का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • Wi-Fi
  • Bluetooth
  • Cellular Network
  • Satellite Network

4. Based on Architecture

Client-Server Network

क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क एक प्रकार की नेटवर्किंग संरचना है, जिसमें एक केंद्रीय server महत्वपूर्ण संसाधनों जैसे data, printer और Application को संग्रहीत और Managed करता है।

क्लाइंट, जैसे Computer या smartphone, server से इन संसाधनों की मांग करते हैं। सर्वर एक शक्तिशाली कंप्यूटर होता है जो निरंतर कार्यरत रहता है और क्लाइंट्स द्वारा भेजे गए अनुरोधों का उत्तर देता है।

क्लाइंट्स सर्वर से आवश्यक डेटा ग्रहण कर सकते हैं, उसमें एप्लिकेशन चला सकते हैं या सर्वर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। यह संरचना डेटा के केंद्रीकृत प्रबंधन, सुरक्षा और बैकअप की सुविधा प्रदान करती है।

Peer-to-Peer Network

इस प्रकार के नेटवर्क में किसी केंद्रीय सर्वर की आवश्यकता नहीं होती, सभी पीयर (devices) एक-दूसरे के साथ सीधे संपर्क कर सकते हैं और संसाधनों जैसे फ़ाइलें, प्रिंटर, और इंटरनेट कनेक्शन साझा कर सकते हैं।

एक पीयर दूसरे से फ़ाइलें प्राप्त कर सकता है, प्रिंटर की मदद ले सकता है, या अन्य संसाधनों तक पहुंच सकता है। यह आर्किटेक्चर बहुत सरल और स्थापित करने में सुविधाजनक है, और इससे केंद्रीय सर्वर के विफल होने का खतरा कम हो जाता है।

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