Analog Signal in Hindi – एनालॉग सिग्नल क्या है?
Analog Signal in Hindi
Analog का मतलब है लगातार बदलने वाला डेटा या सिगनल। इसकी value (मान) समय के साथ लगातार बदलती रहती है।
एनालॉग सिग्नल एक ऐसा सिगनल है जो निरंतर और परिवर्तनशील होता है, जिसका मान समय के साथ लगातार बदलता रहता है। यह किसी भी मान को ले सकता है, एक निश्चित सीमा के भीतर।
उदाहरण के लिए इंसान की आवाज, वीडियो, और म्यूजिक हैं। ये सिग्नल एक निश्चित रेंज में रहते हैं। उदाहरण के लिए, इंसान की आवाज की Frequency (आवृत्ति) आमतौर पर 20 Hz से 20,000 Hz तक होती है।

एनालॉग सिग्नल डेटा को तरंगों के रूप में प्रदर्शित किया जाता हैं, जो उनके आयाम (Dimensions) और Frequency के अनुसार अलग-अलग होते हैं।
जैसे, रेडियो सिग्नल और टेलीफोन लाइनों में जिन संकेतों का उपयोग किया जाता है, वे एनालॉग सिग्नल होते हैं। इन सिगनलो को डिजिटल सिगनल में परिवर्तन करने के लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है, क्योंकि एनालॉग सिग्नल निरंतर होते हैं।

डायग्राम में एक एनालॉग सिगनल को ग्राफ के रूप में दिखाया गया है। यहाँ कुछ मुख्य बिंदु हैं:
- One Cycle (एक चक्र): ग्राफ में एक पूरा चक्र दिखाया गया है। यह वह समय है जिसमें सिगनल अपनी शुरुआती स्थिति से शुरू होकर फिर उसी स्थिति में वापस आता है।
- Period time: यह वह समय है जो एक चक्र को पूरा करने में लगता है। डायग्राम में इसे “Periodic Time” के रूप में दिखाया गया है।
- Pack Value (शीर्ष मूल्य): यह सिगनल की अधिकतम वैल्यू को दर्शाता है, जो ग्राफ में सबसे ऊँचा बिंदु है।
- Frequency (आवृत्ति): आवृत्ति वह होती है जो बताती है कि एक सेकंड में कितने चक्र पूरे होते हैं। अगर एक चक्र की अवधि (period) कम है, तो आवृत्ति ज्यादा होगी।
Characteristics of Analog signal
एनालॉग सिगनल की विशेषताएँ:
- एनालॉग सिगनल समय के साथ निरंतर बदलता रहता है।
- सिग्नल किसी भी मान को ले सकता है, एक निश्चित सीमा के भीतर। यह मान अनगिनत हो सकते हैं।
- इसकी तरंगों का स्वरूप चिकना और सहज होता है, जिसमें कोई कटाव नहीं होता है।
- इसे आयाम (ऊँचाई) और Frequency के माध्यम से मापा जाता है।
- यह ध्वनि या वीडियो जैसे प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न होता है।
Advantages of Analog signal
- ध्वनि और प्रकाश जैसे प्राकृतिक संकेतों को सीधे एनालॉग सिगनल के रूप में दर्शाया जा सकता है।
- इनफार्मेशन को बहुत सटीक रूप से दर्शाया जाता है।
- एनालॉग सिगनल को प्रसारित करना अपेक्षाकृत सरल है।
- इसमें बड़ी मात्रा में डेटा एक साथ ट्रांसमिट हो सकता है।
- कम ऊर्जा में संचालन संभव है।
- इसका डिज़ाइन जटिल नहीं होता।
Disadvantages of Analog signal
- एनालॉग सिगनल आसानी से शोर से प्रभावित होते हैं, जिससे सिग्नल में विकृति आ सकती है।
- इसे नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है।
- लंबी दूरी पर broadcast के दौरान एनालॉग सिग्नल कमजोर हो सकते हैं।
- एनालॉग सिगनल को process करना और store करना मुश्किल होता है।
- एनालॉग सिगनल की प्रतिलिपि बनाने पर, मूल सिगनल की गुणवत्ता कम हो जाती है।