Analysis Modelling in Software Engineering in Hindi
Analysis Modelling in Software Engineering
Analysis Modelling का मतलब है सॉफ्टवेयर सिस्टम की जरूरतों, व्यवहार और कार्यों को समझकर उन्हें एक तकनीकी रूप (Technical Representation) में बदलना। यह सिस्टम के विवरण (Description) और डिज़ाइन मॉडल के बीच एक कड़ी का काम करता है।
Analysis Model बनाना
जब हम सॉफ्टवेयर बनाते हैं, तो पहले यह समझना जरूरी होता है कि सॉफ्टवेयर में क्या-क्या चाहिए। इसके लिए Analysis Model बनाया जाता है। यह मॉडल सॉफ्टवेयर की जरूरतों (Requirements) को समझने और उन्हें व्यवस्थित करने में मदद करता है।
Customer क्या चाहता है ये Requirement engineering मे प्राप्त कर लिया जाता है उसके बाद उसका analysis विश्लेषण किया जाता है उसके बाद इनके अनुसार model बनाया जाता है।
जो technical represent किया जाता है computer मे diagram व chart के रूप मे मॉडल तैयार किया जाता है इसी model के बनने के बाद उसके आधार पर design बनाया जाता है।

Analysis Modelling क्यों जरूरी है
- यह समझने में मदद करता है कि सॉफ्टवेयर में क्या-क्या Features होने चाहिए।
- सॉफ्टवेयर डिजाइनर को एक सही दिशा देता है।
- शुरुआत में ही जरूरतों को सही तरीके से समझ लेने से बाद में गलतियों की संभावना कम हो जाती है।
Objectives of Analysis Modelling
- Understanding Needs: उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को समझना और उन्हें निकालना।
- Communication: सभी हितधारकों (Stakeholders) के बीच बेहतर संचार स्थापित करना।
- Clarifying Ambiguities: जरूरतों में अस्पष्टताओं को दूर करना।
- Finding Data Requirements: सिस्टम के लिए जरूरी डेटा, उसके रिश्तों और गुणों को पहचानना।
- Defining Behavior: सिस्टम के काम करने के तरीके (Workflow, Processes) को समझना।
Types of Analysis Models
1. Flow-oriented Modeling
यह दिखाता है कि डेटा (Data) कैसे प्रोसेस होता है और कैसे बदलता है।
उदाहरण: एक ऑनलाइन शॉपिंग ऐप में, यूजर का ऑर्डर कैसे प्रोसेस होता है।
2. Scenario-based Modeling
यह सिस्टम को यूजर के नजरिए से दिखाता है।
उदाहरण: यूजर ऐप में कैसे लॉगिन करता है और ऑर्डर देता है।
3. Class-based Modeling
यह ऑब्जेक्ट्स (Objects), उनके गुण (Attributes), और उनके बीच के रिश्ते (Relationships) को परिभाषित करता है।
उदाहरण: एक “यूजर” ऑब्जेक्ट में नाम, ईमेल, और पासवर्ड जैसे गुण हो सकते हैं।
4. Behavioral Modeling
यह दिखाता है कि ऑब्जेक्ट्स की स्थिति (State) कैसे बदलती है और इवेंट्स (Events) उन्हें कैसे प्रभावित करते हैं।
उदाहरण: जब यूजर लॉगिन करता है, तो ऐप की स्थिति “लॉग्ड इन” में बदल जाती है।
Elements of Analysis Model
1. Data Dictionary
सॉफ्टवेयर में उपयोग होने वाले सभी डेटा ऑब्जेक्ट्स का विवरण रखने वाला रिपॉजिटरी।
2. Entity Relationship Diagram (ERD)
डेटा ऑब्जेक्ट्स के बीच के रिश्तों को दिखाता है।
3. Data Flow Diagram (DFD)
सिस्टम में डेटा कैसे बहता है और बदलता है, इसे दिखाता है।
4. State Transition Diagram
: सिस्टम के व्यवहार और अलग-अलग स्थितियों (States) के बीच के बदलाव को दिखाता है।
5. Process Specification
सिस्टम में मौजूद फंक्शन्स और प्रोसेसेस का विवरण देता है।
6. Control Specification
सिस्टम इवेंट्स को कैसे हैंडल करता है, इसकी जानकारी देता है।
7. Data Object Description
डेटा ऑब्जेक्ट्स के गुणों (Attributes) का विवरण देता है।
Why is Analysis Modelling Important?
- यह सिस्टम की जरूरतों को स्पष्ट करता है।
- यह टीम और हितधारकों के बीच बेहतर संचार स्थापित करता है।
- यह सॉफ्टवेयर डिज़ाइन और डेवलपमेंट को आसान बनाता है।