C Language in Hindi – सी लैंग्वेज हिंदी

C Language

Introducion

C language सबसे सरल और एक प्रसिद्ध मशीनी भाषा है। यह सबसे पुरानी और विख्यात Programming language है। वर्त्तमान में उपयोग किया जा रहे Programming language जैसे c++, Java, Python आदि ये सभी भाषा c Programming की मदद से develop हुए है। इसलिए यह दुसरे Programming language की तुलना में काफी लचीली होती है।

C language एक Low Level Programming language है क्योकि यह मशीन के करीब होता है। इसे General purpose Programming language भी कहते है। इसका उपयोग कई तरह के Sofware और application बनाने के लिए किया जाता है।

C language एक मशीनी भषा है। मशीन भाषा अर्थात जो 0 और 1 binary डिजिट को समझती है जैसे किसी दो व्यक्ति को बातचीत करने के लिए एक भाषा (जैसे: हिंदी, English, उर्दू आदि) की जरुरत पड़ती है, ठीक उसी प्रकार मशीनो से बात करने के लिए मशीनी भाषा की जरुरत पड़ती है।

यह कंप्यूटर के हार्डवेयर के साथ सीधे बातचीत कर सकता है। जिससे programer सफलता पूर्वक और तेजी से प्रोग्राम बना सकते हैं। लेकिन high-level languages (जैसे, Python, Java) की तुलना में थोड़ी ज़्यादा जटिल और धीमे होती है।

History of c Language

C language को सर्वप्रथम Dennis Ritchie द्वारा सन 1970 के दशक के शुरुआत में Bell Laboratories में विकसित किया था। उस समय प्रोग्रामिंग के लिए ज्यादातर Assembly Language का इस्तेमाल किया जाता था, जो बहुत ही जटिल होती थी। Dennis Ritchie एक ऐसी भाषा बनाना चाहते थे जो Assembly Languag और high-level languages की सुविधा दोनों को जोड़े।

C language का उपयोग Unix operating system को विकसित करने में किया गया था। Unix की इस सफलता को देखते हुए C language की Popularity बढती गई,  क्योंकि इसका उपयोग करके शक्तिशाली और पोर्टेबल (अलग-अलग कंप्यूटर सिस्टम पर आसानी से चलने वाले) ऑपरेटिंग सिस्टम बनाए जा सकते हैं।

1980 के दशक में,  C language का मानकीकरण (Standardization) हुआ,  जिससे यह और भी ज़्यादा Popular हुई। इसके बाद,  C language का उपयोग विभिन्न प्रकार के software और system को develop करने में किया जाने लगा,  Operating systems, compilers, database systems, और embedded systems शामिल हैं।

C language programming

एक सामान्य program को समझते है:

#include <stdio.h>

int main()
 { 
    printf("c language Notes"); 
    return 0;  
}

Output: c language Notes

#include <stdio.h> – यह एक header file है, जिससे हम printf जैसे functions का इस्तेमाल करते हैं।

int main() – यह main function है, जहां से प्रोग्राम शुरू होता है।

printf() – यह function स्क्रीन पर कुछ प्रिंट करने के लिए होता है।

return 0; – यह बताता है कि प्रोग्राम सफलतापूर्वक Execute हुआ है।

Basic Elements of C language

C language में programming करने से पहले इसके basic elements को समझना बहुत जरुरी है। इससे कोडिंग करने और structure को समझने में आसानी होती है। c language के basic elements निम्न है:

1. (अक्षर और चिन्ह) Characters and Symbols

यह लगभग सभी प्रकार के programming languages में होती है जिसमे symbol और characters (अक्षरो) का समूह होता है। इन्हें प्रोग्राम लिखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें character (A-Z, a-z), number (0-9), और विशेष symbol (जैसे +, -, * , /, %, आदि) का उपयोग होता है। C language में इस सभी symbol, number और character के समूह को “character set” कहा जाता है।

2. कीवर्ड्स (Keywords) 

“कीवर्ड्स” (Keywords) वे शब्द होते हैं जो पहले से ही उस भाषा में निर्धारित हैं। अर्थात c language के लाइब्रेरी में वे शब्द पहले से मौजूद होते है। इनका उपयोग प्रोग्राम की structure और तर्क को बनाने के लिए किया जाता है।

Keywords language library पहले से मौजूद होते हैं जिनका विशेष अर्थ होता है, जैसे int, float, if, else, while आदि। Keyword को reserve word भी कहते है। इसे identifier की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते।

C language में कुल 32 प्रकार के Keywords हैं। ये निम्नलिखित हैं:

C Language in Hindi

3. वेरिएबल्स (Variables) 

Variable (चर) वे नाम होते हैं जिनका उपयोग डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह मेमोरी में एक लोकेशन को Represent करता है जहाँ डेटा रखा जाता है।

उदाहरण:

int age = 25;       // पूर्णांक (Integer)

यहाँ ‘age’ एक Variable है जो 25 को स्टोर करता है।

Variable एक तरह का कंटेनर होता है जो डेटा को रखता है, और उस डेटा को programming के दौरान बदला जा सकता है। इसे Declare करने के लिए उसका Data Type (जैसे int, char, float) और नाम लिखना पड़ता है।

Rules for Variables):
  1. Variable का नाम अंडरस्कोर _ या अक्षर (A-Z, a-z) से शुरू होना चाहिए।
  2. नाम में $@! जैसे करैक्टर इस्तेमाल नहीं कर सकते।
  3. intfloatif जैसे c के reserved keyword नहीं इस्तेमाल कर सकते।
  4. age और Age दो अलग वेरिएबल हैं।

4. डेटा प्रकार (Data Types)

किसी variable द्वारा रखे जाने वाले डेटा के प्रकार को परिभाषित करना। अर्थात यह बताता है कि variable में किस प्रकार का डेटा स्टोर होगा।

मुख्य डेटा प्रकार:

int – पूर्णांक (जैसे 1, 2, 3)

float – दशमलव संख्या (जैसे 3.14)

char – वर्ण (जैसे ‘A’, ‘b’)

double – बड़ी दशमलव संख्या।

5. ऑपरेटर्स (Operators) 

इसमें गणितीय गणनाय की जाती है जैसे जोड़ना, घटना, गुना, भाग आदि । Operator में किसी elements में ऑपरेशन (operation) को परफॉर्म करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

उदाहरण:

  • + (जोड़)
  • – (घटाव)
  • * (गुणा)
  • / (भाग)
  • % (मॉड्यूलस – remainder निकालने के लिए)

6. नियंत्रण संरचनाएँ (Control Structures) 

यह program के प्रवाह (flow) को नियंत्रित करती है अर्थात ये यह तय करती की कौन सा code कब और कितनी बार execute होगा। ज्यदातर इसका उपयोग किसी code को loop करने, तुलना करने, और condition देने के लिए करते है।

    उदाहरण:

  • for Loop
  • while Loop
  • switch Statement
  • if-else Statement

7. फंक्शन्स (Functions) 

“C” programming में function ऐसे कोड के ब्लॉक होते हैं जो किसी खास काम को करने के लिए बनाए जाते हैं। इन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे कोड को छोटा, व्यवस्थित और पुन: उपयोगी बनाया जा सकता है।

एक बार जब आप एक function को परिभाषित कर लेते हैं, तो आप उसे प्रोग्राम में कहीं भी कॉल कर सकते हैं।

उदाहरण: “main()” वह function है जहाँ से प्रोग्राम शुरू होता है।

8. इनपुट और आउटपुट (Input and Output) 

 यह program में डेटा input लेने और स्क्रीन पर output दिखने के लिए उपयोग किया जाता हैं।

उदहारण:

printf() – स्क्रीन पर आउटपुट दिखाने के लिए

scanf() – यूज़र से इनपुट लेने के लिए

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