Concept of Key in DBMS in Hindi

Concept of Key

DBMS (database management system) में Key एक बहुत ही महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट है। Key का उपयोग डेटाबेस में रिकॉर्ड्स को यूनिकली (uniquely) पहचानने, relationship बनाने और डेटा को organize करने के लिए किया जाता है। Key एक या एक से अधिक columns का समूह होता है जो टेबल में प्रत्येक रो (row) को unique बनाता है।

दुसरे शब्दों में Key relational database का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसका उपयोग एक से अधिक table के बीच संबंध स्थापित करने में जाता है अर्थात् keys का उपयोग करके table के column के attributes को परिभाषित कर सकते हैं।

Types of Keys

  1. Primary Key (प्राइमरी की)
  2. Foreign Key (फॉरेन की)
  3. Super Key (सुपर की)
  4. Candidate Key (कैंडिडेट की)
  5. Alternate Key (ऑल्टरनेट की)
  6. Composite Key (कम्पोजिट की)
Concept of Key in DBMS in Hindi

1. Primary Key (प्राइमरी की)

  • यह एक यूनिक key होती है जो टेबल में प्रत्येक रो (row) को यूनिकली पहचान देती है।
  • प्राइमरी  में NULL वैल्यू (value) नहीं हो सकती है।
  • एक टेबल में केवल एक ही प्राइमरी  हो सकती है।

उदाहरण: एक स्टूडेंट टेबल में Student_ID प्राइमरी  हो सकती है।

2. Foreign Key (फॉरेन की)

  • Foreign Key एक टेबल में एक या एक से अधिक कॉलम्स का समूह होता है, जो दूसरी टेबल के Primary Key को लिंक (Link) करता है।
  • यह Referential Integrity को बनाए रखने में मदद करता है, यानी यह सुनिश्चित करता है कि एक टेबल में डेटा दूसरी टेबल के डेटा के साथ मेल खाता हो।
  • फॉरेन  का उपयोग दो टेबल्स के बीच रिलेशनशिप बनाने के लिए किया जाता है।

उदाहरण: एक ऑर्डर टेबल में Customer_ID फॉरेन  हो सकती है जो कस्टमर टेबल  प्राइमरी  को रेफर करती है।

3. Super Key (सुपर की)

  • Super Key एक या एक से अधिक कॉलम्स का समूह होता है, जो टेबल में हर रिकॉर्ड को यूनिकली आइडेंटिफाई (Uniquely Identify) करता है।
  • Super Key में अनावश्यक (Extra) कॉलम्स भी शामिल हो सकते हैं, जो यूनिकनेस (Uniqueness) को बनाए रखने के लिए जरूरी नहीं हैं।
  • सुपर एक या अधिक कॉलम्स का समूह होता है जो टेबल में प्रत्येक row को यूनिकली पहचान सकता है।
  • सुपर  में प्राइमरी भी शामिल होती है।

उदाहरण: स्टूडेंट टेबल में Student_ID और Student_Name का संयोजन सुपर  हो सकता है।

4. Candidate Key (कैंडिडेट की)

  • कैंडिडेट  वह  होती है जो प्राइमरी  बन सकती है।
  • एक टेबल में एक से अधिक कैंडिडेट  हो सकती हैं।
  • कैंडिडेट  में NULL वैल्यू नहीं हो सकती है।

उदाहरण: स्टूडेंट टेबल में Student_ID और Email दोनों कैंडिडेट  हो सकती हैं।

5. Alternate Key (ऑल्टरनेट की)

  • ऑल्टरनेट वह कैंडिडेट होती है जो प्राइमरी नहीं बनती है।
  • Alternate Key, कैंडिडेट की (Candidate Key) का ही एक हिस्सा होता है, जो टेबल में प्रत्येक रिकॉर्ड को यूनिकली आइडेंटिफाई (Uniquely Identify) कर सकता है।
  • एक टेबल में एक से अधिक Alternate Keys हो सकते हैं।

उदाहरण: यदि Student_ID प्राइमरी  है, तो Email ऑल्टरनेट  होगी।

6. Composite Key (कम्पोजिट की)

जब एक से अधिक कॉलम्स को मिलाकर एक यूनिक  बनाई जाती है, तो उसे कम्पोजिट  कहते हैं।

यह कॉलम्स का एक समूह (Set) होता है, जो टेबल (Table) में प्रत्येक Record को यूनिकली आइडेंटिफाई (Uniquely Identify) करता है। Composite Key का उपयोग तब किया जाता है जब एक single कॉलम टेबल में Uniqueness सुनिश्चित नहीं कर सकता है।

उदाहरण: एक ऑर्डर टेबल में Order_ID और Product_ID का संयोजन कम्पोजिट  हो सकता है।

Importance of Keys in DBMS

  1. डेटा इंटीग्रिटी (Data Integrity): Key डेटा  अखंडता को बनाए रखने में मदद करती है।
  2. रिलेशनशिप (Relationship): Key का उपयोग करके अलग-अलग टेबल्स के बीच रिलेशनशिप बनाई जाती है।
  3. डेटा रिट्रीवल (Data Retrieval): Key डेटा को जल्दी और आसानी से रिट्रीव (retrieve) करने में मदद करती है।
  4. डुप्लीकेशन से बचाव (Avoid Duplication): Key डेटा के डुप्लीकेशन (duplication) को रोकती है।

Example

Concept of Key in DBMS in Hindi

Primary Key: Student_ID

Candidate Key: Student_ID, Email

Alternate Key: Email

इस प्रकार, Key डेटाबेस को व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद करती है।

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