Digital Signal in Hindi – डिजिटल सिग्नल क्या है?
Digital Signal in Hindi
“Digital Signal” वह सिग्नल होता है जो दो निश्चित मानों (0 और 1) का उपयोग करके जानकारी को व्यक्त करता है।
इसमें सिग्नल का मान अचानक एक स्थिति (जैसे 0) से दूसरी स्थिति (जैसे 1) में बदलता है। इसमें निरंतर (continuous) बदलाव नहीं होता, जैसा कि एनालॉग सिग्नल में होता है।

डिजिटल सिग्नल कंप्यूटर तकनीक में बहुत विश्वसनीय माना जाता है और इसका उपयोग डेटा के आदान-प्रदान में किया जाता है। इसमें एनालॉग सिग्नल के मुकाबले ज्यादा बैंडविड्थ की जरूरत होती है।
डिजिटल सिग्नल में उतार-चढ़ाव कम होते हैं, जिससे यह ज्यादा स्थिर और भरोसेमंद बनता है। इसलिए कंप्यूटर और दूसरी आधुनिक तकनीकों में इसका बहुत अधिक इस्तेमाल होता है।

Characteristics of Digital signal
- सिग्नल केवल दो अलग-अलग मानों (0 और 1) को ले सकता है। इसमें कोई मध्यवर्ती मान नहीं होता।
- सूचना को 0 और 1 के क्रम में दर्शाया जाता है।
- डिजिटल सिग्नल बहुत सटीक होते हैं क्योंकि वे केवल दो परिभाषित मानों को लेते हैं।
- डिजिटल सिग्नल को बार-बार बिना किसी गुणवत्ता हानि के कॉपी किया जा सकता है।
- डिजिटल सिग्नल को कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों द्वारा आसानी से प्रोसेस किया जा सकता है।
Advantages of Digital signal
- इसमें शोर (noise) का प्रभाव कम होता है, जिससे डेटा की गुणवत्ता बनी रहती है।
- डिजिटल डेटा को Hard drive, cloud या अन्य डिवाइस में आसानी से स्टोर किया जा सकता है।
- डिजिटल सिग्नल को Encrypt किया जा सकता है, जिससे डेटा सुरक्षित रहता है।
- इसे कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर के माध्यम से आसानी से प्रोसेस और विश्लेषण किया जा सकता है।
- डिजिटल डेटा को Compress करके स्टोरेज और बैंडविड्थ की बचत की जा सकती है।
Disadvantages of Digital Signal
- इसमें प्रोसेसिंग के लिए जटिल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।
- डिजिटल सिस्टम को स्थापित करने और रखरखाव की लागत अधिक हो सकती है।
- यदि डिजिटल डेटा ठीक से बैकअप न हो, तो हार्डवेयर खराब होने पर डेटा खो सकता है।
- डिजिटल सिग्नल को ट्रांसमिट करने के लिए अधिक बैंडविड्थ की आवश्यकता हो सकती है।
- इसमें प्रोसेसिंग में कभी-कभी समय लग सकता है, जिससे विलंब हो सकता है।