Ethernet in hindi – ईथरनेट क्या होता है?
Ethernet basically एक Network है जिसका use बहुत सारे कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ने और उन्हें बीच data का transfer करने के लिए Ethernet का उपयोग किया जाता है।
जब बहुत सारे computers आपस में जोड़े जाते हैं Data sharing के लिए, तब उसे LAN का नाम दिया जाता है।
LAN Local Area Network है, जो सीमित Range के computers को आपस में Cable के माध्यम से जोड़ने के लिए किया जाता है और उनके बीच डाटा व resource को share किया जाता है।
जैसे कि School में, office में, College में।

School, कॉलेज, ऑफिस, वहां जो कंप्यूटर आपस में जुड़े होते हैं, छोटे area में जुड़े हुए कंप्यूटर आपस में connected होते हैं। जो connected Computer का नेटवर्क होता है, उसे LAN Local Area Network कहा जाता है।
जो Ethernet होता है, यह LAN के लिए काम करता है। Ethernet का use LAN में होता है, जिसके लिए Ethernet cable का use किया जाता है।
आज के समय में जितने भी Router का उपयोग किया जाता है, उनमें साथ Ethernet Cable दिया जाता है। उस Cable को Router और laptop में लगाकर आपस में कनेक्ट करने और Internet generate करने के लिए किया जाता है।
जहां पर भी बहुत सारे computers को आपस में जोड़ा जाता है, वहां उन computers को connect करने के लिए और Internet connection generate करने के लिए Ethernet Cable का उपयोग किया जाता है।
आज के डिजिटल युग में इंटरनेट और नेटवर्किंग हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। जब भी आप किसी कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ते हैं, तो “Ethernet” शब्द ज़रूर सुनने को मिलता है। Ethernet कंप्यूटरों को एकदूसरे से जोड़ने की तकनीक, जो कि तेज़ और भरोसेमंद नेटवर्क कनेक्शन प्रदान करती है।
ईथरनेट एक वायर्ड नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी है जो डिवाइस (कंप्यूटर, प्रिंटर, सर्वर, आदि) को केबल के ज़रिए आपस में जोड़कर डेटा ट्रांसफर करने में मदद करती है। यह LAN (छोटे नेटवर्क, जैसे ऑफिस या घर) और WAN (बड़े नेटवर्क, जैसे शहरों के बीच) दोनों में इस्तेमाल होती है।
ईथरनेट वायर्ड LAN टेक्नोलॉजी है जो डिवाइस को केबल से जोड़कर डेटा ट्रांसफर करती है। यह दुनिया में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली LAN टेक्नोलॉजी है।
ईथरनेट एक नियमों का सेट है जो बताता है कि नेटवर्क पर डिवाइस (कंप्यूटर, प्रिंटर, आदि) कैसे डेटा भेजते और प्राप्त करते हैं। यह वायर्ड कनेक्शन (केबल) का इस्तेमाल करता है।
ईथरनेट का इतिहास (History):
ईथरनेट की शुरुआत कब और कैसे हुई?
ईथरनेट तकनीक की शुरुआत 1973 में रॉबर्ट मेटकाफ (Robert Metcalfe) द्वारा की गई थी। इसे 1980 के दशक में Xerox PARC द्वारा विकसित किया गया और बाद में IEEE द्वारा मानकीकृत (standardized) किया गया। आज Ethernet, लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) की सबसे सामान्य तकनीक बन चुकी है।
- 1970s में जन्म: ईथरनेट को सबसे पहले Xerox कंपनी ने बनाया था।
- 1980s में मानक बना: बाद में इसे IEEE 802.3 स्टैंडर्ड के तहत पूरी दुनिया में अपनाया गया।
- आज तक का सफर: शुरुआत में इसकी स्पीड सिर्फ 10 Mbps थी, लेकिन आज 10 Gbps (Gigabit Ethernet) तक की स्पीड उपलब्ध है।
- ईथरनेट की शुरुआत (1970s):
- 1973: रॉबर्ट मेटकॉल्फ़ (Xerox PARC में काम करते थे) ने पहली बार ईथरनेट का आइडिया दिया।
- 1976: पहला ईथरनेट सिस्टम बनाया गया, जो 2.94 Mbps की स्पीड से डेटा ट्रांसफर करता था।
- “ईथरनेट” नाम की कहानी: “ईथर” (Ether) शब्द पुराने विज्ञान से लिया गया, जो “हवा” या “माध्यम” को दर्शाता है।
- 1980s: ईथरनेट का मानकीकरण
- 1980: Xerox, Intel, और DEC कंपनियों ने मिलकर DIX (DECIntelXerox) स्टैंडर्ड बनाया।
- 1983: IEEE (इंस्टीट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स) ने इसे IEEE 802.3 स्टैंडर्ड के रूप में अपनाया।
- 1985: पहली बार 10BASE5 (“थिकनेट”) लॉन्च हुआ, जो 10 Mbps स्पीड देता था और 500 मीटर तक केबल लंबाई का समर्थन करता था।
- 1990s: ईथरनेट का स्वर्ण युग
- 1991: 10BASET आया, जो ट्विस्टेड पेयर केबल (CAT3) का इस्तेमाल करता था। यह सस्ता और आसान था।
- 1995: फास्ट ईथरनेट (100BASETX) लॉन्च हुआ, जो 100 Mbps स्पीड देता था।
- 1998: गीगाबिट ईथरनेट (1000BASET) आया, जो 1 Gbps स्पीड तक पहुँच गया।
- 2000s: आधुनिक ईथरनेट
- 2002: 10 गीगाबिट ईथरनेट (10GBASET) लॉन्च हुआ, जो डेटा सेंटर और बड़े नेटवर्क के लिए बनाया गया।
- 2016: टेराबिट ईथरनेट पर रिसर्च शुरू हुई, जो 1 Tbps (1000 Gbps) स्पीड का वादा करता है।
2025 में Ethernet पहले से कहीं ज्यादा तेज, स्मार्ट और किफायती हो चुका है। जहां पहले यह केवल बड़े ऑफिस या कंपनियों तक सीमित था, वहीं अब यह होम ऑटोमेशन, स्मार्ट टीवी, गेमिंग, और यहां तक कि IoT (Internet of Things) डिवाइसेज में भी उपयोग हो रहा है।
ईथरनेट का उद्देश्य (Purpose):
1. डिवाइस को जोड़ना: कंप्यूटर, प्रिंटर, राउटर आदि को केबल से कनेक्ट करना।
2. तेज़ और सुरक्षित डेटा ट्रांसफर: वायरलेस (WiFi) से ज़्यादा स्थिर और सुरक्षित कनेक्शन देना।
3. बड़े नेटवर्क बनाना: LAN को WAN या इंटरनेट से जोड़ने में मदद करना।
ईथरनेट किस तरह काम करता है?
ईथरनेट एक नेटवर्किंग तकनीक है जो डाटा को पैकेट्स के रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक ट्रांसफर करती है। यह एक वायर्ड (wired) सिस्टम होता है जिसमें केबल्स, स्विच, राउटर और नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (NIC) का उपयोग होता है।
जब कोई कंप्यूटर नेटवर्क पर डेटा भेजता है, तो ईथरनेट उस डेटा को छोटेछोटे टुकड़ों (जिसे पैकेट्स कहते हैं) में बांट देता है। फिर ये पैकेट्स तार (केबल) के जरिए बहुत तेज़ी से सही कंप्यूटर या डिवाइस तक पहुँचते हैं।
यह पूरी प्रक्रिया इतनी तेज़ और भरोसेमंद होती है कि हमें यह महसूस भी नहीं होता कि डेटा अलगअलग टुकड़ों में गया और फिर जोड़ा गया।
Ethernet में जो केबल होता है (जैसे CAT6 वायर), वो एक सड़क जैसा होता है जिस पर डेटा भेजा जाता है।
हर कंप्यूटर या डिवाइस नेटवर्क पर किसी दूसरे कंप्यूटर से डेटा भेजना या प्राप्त करना चाहता है, ठीक वैसे ही जैसे कोई व्यक्ति किसी से बात करना चाहता है।
हर डिवाइस के पास एक MAC Address होता है — ये एक यूनिक पहचान है हर डिवाइस का चाहे वह भेजनें वाला डिवाइस हो या डाटा प्राप्त करने वाला डिवाइस हो
जब कई डिवाइस जुड़े होते हैं, तो एक Switch (स्विच) होता है जो तय करता है कि कौनसा डेटा किसको भेजना है। ये यह देखता है कि कौन किससे बात कर रहा है।
Ethernet में डेटा कैसे भेजा जाता है?
1. कंप्यूटर 1 कहता है: मुझे कंप्यूटर 2 को “Hello” कहना है।
2. वह “Hello” एक डेटा पैकेट बनाकर केबल के ज़रिए भेजता है।
3. पैकेट में लिखा होता है:
- भेजने वाले का MAC Address
- पाने वाले का MAC Address मैसेज
- (“Hello”)
4. Switch उस पैकेट को पढ़ता है और देखता है कि इसे किसको भेजना है।
5. Switch सही कंप्यूटर को वो पैकेट भेज देता है।
6. कंप्यूटर 2 उस पैकेट को पढ़कर जवाब देता है – “Hi!”
Types of Ethernet (ईथरनेट के प्रकार)
1. फास्ट ईथरनेट (Fast Ethernet)
यह 100 Mbps तक की स्पीड प्रदान करता है। यह छोटे ऑफिस या घरों के लिए उपयुक्त होता है।
स्पीड: 100 Mbps (मतलब, एक सेकंड में 100 मेगाबिट डेटा भेज सकता है)।
केबल: ट्विस्टेड पेयर केबल (जैसे CAT5) या फाइबर ऑप्टिक केबल।
उपयोग: छोटे ऑफिस या घरों में इंटरनेट चलाने के लिए।
प्रकार:
- 100BASETX: सामान्य केबल से काम करता है।
- 100BASEFX: फाइबर ऑप्टिक केबल इस्तेमाल करता है।
- 100BASET4: पुराने केबल्स को सपोर्ट करता है।
- उदाहरण: जैसे एक 4लेन हाईवे पर गाड़ियाँ तेज़ चलें।
2. गीगाबिट ईथरनेट (Gigabit Ethernet)
यह 1000 Mbps (1 Gbps) की स्पीड देता है और वर्तमान समय में सबसे ज़्यादा प्रचलित है।
स्पीड: 1000 Mbps या 1 Gbps (फास्ट ईथरनेट से 10 गुना तेज़!)।
केबल: CAT5e, CAT6 (अधिक मजबूत केबल) या फाइबर ऑप्टिक।
उपयोग: बड़े ऑफिस, गेमिंग, या HD वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए।
खासियत: CAT5e केबल 10 Gbps स्पीड तक भी सपोर्ट कर सकती है।
उदाहरण: जैसे एक बुलेट ट्रेन जो बहुत तेज़ी से डेटा पहुँचाए।
3. 10 गीगाबिट ईथरनेट (10Gigabit Ethernet)
यह बड़े डेटा सेंटर और हाईस्पीड नेटवर्क्स के लिए उपयोग होता है। इसकी स्पीड 10 Gbps होती है।
स्पीड: 10 Gbps (गीगाबिट से 10 गुना तेज़!)।
केबल: CAT6a, CAT7 (सुपर स्पीड केबल) या फाइबर ऑप्टिक।
उपयोग: बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस, डेटा सेंटर, या क्लाउड स्टोरेज।
खासियत: फाइबर ऑप्टिक से 10 किलोमीटर तक डेटा भेज सकते हैं।
उदाहरण: जैसे रॉकेट की स्पीड से डेटा उड़कर पहुँचे!
4. स्विच्ड ईथरनेट (Switched Ethernet)
यह नेटवर्क के हर डिवाइस को अलगअलग सिग्नल भेजता है जिससे नेटवर्क की परफॉर्मेंस बेहतर होती है।
काम: नेटवर्क में “स्विच” नाम का packet लगाकर स्पीड बढ़ाते हैं।
फायदा: हर कंप्यूटर को अलग कनेक्शन मिलता है, ट्रैफिक नहीं फँसता।
स्पीड: 10 Mbps से 10 Gbps तक (ईथरनेट के प्रकार पर निर्भर)।
उदाहरण: जैसे एक स्मार्ट डाकिया हर घर को सीधे चिट्ठी पहुँचाए।
ईथरनेट सिस्टम के प्रमुख भाग
1. ईथरनेट केबल Ethernet केबल
ईथरनेट नेटवर्क की रीढ़ मानी जाने वाली ये केबल्स डेटा को तेज़ी से एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक पहुँचाने का काम करती हैं। इनमें सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले प्रकार हैं — Cat5e, Cat6 और Cat7। ये सभी अलगअलग गति और दूरी की क्षमताओं के साथ आते हैं।
2. नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (NIC)
यह कंप्यूटर या लैपटॉप के अंदर फिट होने वाला एक उपकरण है, जो नेटवर्क से जुड़ने की सुविधा देता है। इसे नेटवर्क कार्ड या LAN कार्ड भी कहा जाता है।
3. नेटवर्क स्विच (Switch)
स्विच एक ऐसा यंत्र है जो नेटवर्क में मौजूद कई उपकरणों को आपस में जोड़ता है और डेटा के प्रवाह को व्यवस्थित करता है ताकि टकराव (collision) न हो और हर डिवाइस को सही डेटा मिले।
4. Router (राउटर)
राउटर एक स्मार्ट स्विच की तरह है जो ईथरनेट केबल और WiFi के ज़रिए आपके सभी डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ता है। यह डेटा को सही दिशा देकर नेटवर्क को चलाने में मदद करता है।
राउटर के मुख्य काम वह डाटा का ट्रैफिक पुलिस: कि तरह होता है डेटा पैकेट्स को सही डिवाइस तक पहुँचाता है (जैसे, आपका लैपटॉप YouTube का वीडियो रिक्वेस्ट करे, तो राउटर उसे इंटरनेट से लाकर देगा)।
Types of Ethernet Cables (ईथरनेट केबल्स के प्रकार)
ईथरनेट केबल्स को उनकी speed, range, और structure के आधार पर कई कैटेगरीज में बाँटा जाता है। हर केबल की अपनी खास विशेषता और उपयोग का क्षेत्र होता है।
1. Category-Wise Ethernet Cables
CAT5:
यह एक पुरानी टेक्नोलॉजी है जो 100 Mbps तक की स्पीड देती है। आजकल कम ही इस्तेमाल होती है, लेकिन basic home और small office tasks के लिए ठीक है।
CAT5e (Enhanced):
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली केबल। यह 1 Gbps तक की स्पीड सपोर्ट करती है और interference कम करती है। Budget-friendly option है।
CAT6:
High-speed के लिए डिजाइन की गई यह केबल 10 Gbps तक की स्पीड देती है, लेकिन केवल 55 meters तक। गेमिंग, स्ट्रीमिंग और heavy usage के लिए ideal है।
CAT6a (Augmented):
Better shielding और longer range (up to 100 meters) के साथ यह भी 10 Gbps की स्पीड देता है। ज़्यादातर businesses और enterprises में इस्तेमाल होता है।
CAT7 / CAT8:
यह advanced generation की केबल्स हैं जो up to 40 Gbps की ultra high-speed connectivity देती हैं। इन्हें data centers और high-performance networking के लिए डिज़ाइन किया गया है।
2. Shielding-Based Ethernet Cables
UTP (Unshielded Twisted Pair):
ये basic cables होती हैं जिनमें कोई extra shielding नहीं होती। इन्हें low-interference environments जैसे घर या छोटा ऑफिस में यूज़ किया जाता है।
STP (Shielded Twisted Pair):
ये cables electromagnetic noise से बचाने के लिए shielded होती हैं। Factories या high-interference areas में बेहतर काम करती हैं।
3. Special Ethernet Cables
PoE (Power over Ethernet):
यह केबल एक साथ data + power दोनों को ट्रांसफर कर सकती है। इसका उपयोग IP कैमरा, WiFi router, और smart devices में किया जाता है।
Fiber Optic Cable:
यह traditional Ethernet cables से अलग होती है। इसमें glass या plastic fibers होते हैं जो light signals के ज़रिए data भेजते हैं। यह very high-speed और long-distance communication के लिए best option है (10+ km तक)।
ईथरनेट की मुख्य विशेषताएं
कम लेटेंसी: ईथरनेट नेटवर्क्स में डेटा ट्रांसफर की देरी बेहद कम होती है।
सुरक्षा: वायर्ड कनेक्शन होने के कारण इसमें डेटा लीक होने की संभावना कम होती है।
कम लागत: लंबे समय में इसकी मेंटेनेंस और ऑपरेशन की लागत कम होती है।
Speed:
ईथरनेट 100 Gbps तक डेटा भेज सकता है! यानी एक सेकंड में हज़ारों फ़ोटो या वीडियो ट्रांसफर हो सकते हैं।
Flexibility:
यह किसी भी डिवाइस (कंप्यूटर, प्रिंटर, सर्वर) या ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows, Mac, Linux) के साथ काम करता है।
Reliability:
डेटा भेजते समय गलतियाँ सुधारने की टेक्निक लगातार काम करती हैं, ताकि डेटा सही पहुँचे।
Costeffective:
केबल और स्विच सस्ते मिलते हैं। लंबे समय तक चलते हैं, मरम्मत भी कम करनी पड़ती है।
Interoperability):
अलगअलग कंपनियों के डिवाइस (जैसे HP प्रिंटर + Dell कंप्यूटर) आराम से कनेक्ट हो जाते हैं।
Security:
डेटा को एन्क्रिप्शन (गुप्त कोड) और पहचान प्रक्रिया (Authentication) से सुरक्षित रखता है।
Manageability:
नेटवर्क को मॉनिटर करने के लिए सॉफ़्टवेयर टूल्स होते हैं, जैसे ट्रैफ़िक चेक करना या धीमी स्पीड ठीक करना।
Compatibility:
वाईफाई, ब्लूटूथ, या पुराने नेटवर्क के साथ मिलकर काम कर सकता है।
ईथरनेट उपयोग करने के लाभ
1. उच्च गति से डेटा ट्रांसफर (HighSpeed Data Transfer):
बड़ी फ़ाइलें (जैसे वीडियो, गेम) चंद सेकंड में एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक भेज सकते हैं।
2. स्थिर और भरोसेमंद कनेक्शन (Stable & Reliable Network):
WiFi की तरह सिग्नल कमजोर नहीं होता। बारबार डिस्कनेक्ट नहीं होता।
3. गेमिंग में बेहतर परफॉर्मेंस (Low Latency Gaming):
Lag नहीं होता, क्योंकि Ethernet में Latency (डेटा की देरी) बहुत कम होती है।
4. बिना बफरिंग वीडियो स्ट्रीमिंग (BufferFree Streaming):
Netflix, YouTube पर HD या 4K वीडियो बिना रुकावट देख सकते हैं।
5. सुरक्षित कनेक्शन (Secure Connection):
WiFi की तुलना में हैकिंग का खतरा कम होता है।
6. एक साथ कई डिवाइस कनेक्ट (Multiple Devices):
स्विच या राउटर की मदद से कई डिवाइस जोड़ सकते हैं, बिना स्पीड कम हुए।
ईथरनेट की सीमाएँ
1. Installation में परेशानी
अगर किसी बड़े ऑफिस या बिल्डिंग में नेटवर्क सेटअप करना हो, तो केबल वायरिंग एक time-consuming और complicated काम बन जाता है।
2. Cable clutter की समस्या
जैसे-जैसे नेटवर्क में डिवाइसेज़ बढ़ते हैं, केबल्स को manage करना messy और मुश्किल हो जाता है। ये देखने में भी अव्यवस्थित लग सकता है।
3. Limited Range
ईथरनेट केबल की maximum effective length लगभग 100 मीटर तक सीमित होती है। इससे बड़े campuses या multi-building networks के लिए यह practical solution नहीं बन पाता।
4. Bandwidth Sharing
जब कई डिवाइस एक ही नेटवर्क से जुड़े होते हैं, तो सभी को shared bandwidth मिलती है। इससे heavy usage के दौरान internet speed noticeably slow हो सकती है।
5. Security Risks
हालांकि ईथरनेट एक wired connection है, फिर भी अगर network secured नहीं हो तो hackers sensitive data को access या चोरी कर सकते हैं।
6. Technical Knowledge Required
नेटवर्क की designing, configuration और maintenance के लिए थोड़ा बहुत IT knowledge ज़रूरी होता है। आम users के लिए यह process confusing लग सकती है।
7. Compatibility Issues
नए-generation के ईथरनेट devices कुछ पुराने computers या outdated systems के साथ properly काम नहीं करते, जिससे compatibility की दिक्कत आ सकती है।
8. Cable Installation Hassle
Wiring के लिए अक्सर दीवारों में ड्रिलिंग करनी पड़ती है या लंबी केबल्स लगानी पड़ती हैं, जिससे न केवल extra मेहनत लगती है बल्कि cost भी बढ़ जाती है।
9. Mobility की कमी
Wireless network की तरह freedom नहीं होती। डिवाइस को एक fix location पर रखना पड़ता है क्योंकि वह cable से जुड़ा होता है।