Feasibility study In software engineering in Hindi
Feasibility study
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में फीजिबिलिटी स्टडी (Feasibility Study) का मतलब है किसी सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले यह जांचना कि क्या वह प्रोजेक्ट संभव (possible) है या नहीं। यह स्टडी यह तय करने में मदद करती है कि प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहिए या नहीं।
दुसरे शब्दों में प्रोजेक्ट या सॉफ्टवेयर को बनाने से पहले यह जांचना कि क्या यह प्रोजेक्ट संभव (possible) है या नहीं। यह स्टडी इस बात का आकलन करती है कि प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है या नहीं।
Feasibility Study तय करने में मदद करती है कि प्रोजेक्ट को तकनीकी (technically) और आर्थिक (financially) रूप से बनाया जा सकता है या नहीं।
यह समस्याओं को हल करने की प्रक्रिया नहीं है। यह सिर्फ यह तय करती है कि समस्या को हल किया जा सकता है या नहीं।
Main objective of feasibility study: (फीजिबिलिटी स्टडी का मुख्य उद्देश्य):
- यह जानना कि प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है या नहीं।
- यह निर्धारित करना कि प्रोजेक्ट में आने वाली समस्याओं problemsको हल किया जा सकता है या नहीं।
- यह समझना कि प्रोजेक्ट को बनाने में कितना समय time, पैसा money, और संसाधन resourcesलगेगा।
Types of Feasibility Study
Software Project Management Processका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फीजिबिलिटी स्टडी यह तय करने में मदद करती है कि प्रोजेक्ट को technically तकनीकी रूप से, financially आर्थिक रूप से, और operationally परिचालन रूप सेबनाया जा सकता है या नहीं

1. Technical Feasibility
- क्या प्रोजेक्ट को बनाने के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी technology और रिसोर्सेज resources उपलब्ध हैं?
- क्या हमारी टीम के पास इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए जरूरी स्किल्स skills हैं?
- क्या हमारे पास सही hardware और software टूल्स हैं?
- यह तय किया जाता है कि चुनी गई टेक्नोलॉजी को maintain मेंटेन और upgrade अपग्रेडकरना आसान होगा या नहीं।
- क्या हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की जरूरतें पूरी हो सकती हैं?
2. Economic Feasibility
- क्या प्रोजेक्ट का बजट Budget उपलब्ध है?
- क्या प्रोजेक्ट से होने वाले फायदे Benefits उसकी लागत Cost से ज्यादा होंगे?
- क्या प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से व्यवहार्य Economically Viable है?
- प्रोजेक्ट की लागत cost और फायदे benefits का विश्लेषण analysis किया जाता है।
- यह देखा जाता है कि प्रोजेक्ट को बनाने में कितना खर्च आएगा और क्या यह प्रोजेक्ट organization संगठनके लिए फायदेमंद होगा।
- इसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, डिजाइन, और operational costs परिचालन लागतको शामिल किया जाता है।
3. Operational Feasibility
- क्या प्रोजेक्ट को बनाने के बाद उसे ऑपरेट Operate करना संभव होगा?
- क्या यूजर्स इस सॉफ्टवेयर को आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे?
- क्या यह प्रोजेक्ट संगठन Organization की जरूरतों को पूरा करेगा?
- इसमें यह जांचा जाता है कि प्रोजेक्ट को बनाने के बाद इसे operate चलानाऔर maintain मेंटेन करनाकितना आसान होगा।
- यह भी देखा जाता है कि प्रोजेक्ट यूजर्स users की जरूरतों को पूरा करेगा या नहीं।
- यह तय किया जाता है कि प्रोजेक्ट का सुझाव suggestion स्वीकार्य acceptable है या नहीं।
4. Legal Feasibility
- यह जांच करता है कि प्रोजेक्ट कानूनी रूप से अनुपालन करता है या नहीं।
- क्या प्रोजेक्ट डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा कानूनों का पालन करता है?
- क्या प्रोजेक्ट में किसी प्रकार के कॉपीराइट या पेटेंट उल्लंघन की संभावना है?
5. Time (schedule) Feasibility
- क्या प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया जा सकता है?
- क्या डेडलाइन Deadline के अंदर प्रोजेक्ट डिलीवर किया जा सकता है?
- फीजिबिलिटी स्टडी के फायदे Benefits of Feasibility Study:
- प्रोजेक्ट से जुड़े जोखिम Risks को कम करता है।
- प्रोजेक्ट की सफलता की संभावना Chances of Success बढ़ाता है।
- समय, पैसा और रिसोर्सेज की बचत करता है।
- सही निर्णय Decision Making लेने में मदद करता है।
Need of Feasibility Study
- यह प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले जोखिमों risks को समझने में मदद करती है।
- यह प्रोजेक्ट की सफलता की संभावना chances of success बढ़ाती है।
- यह प्रोजेक्ट की लागत cost और समय time का सही अनुमान estimate लगाती है।
Importance of Feasibility Study (फीजिबिलिटी स्टडी का महत्व)
- यह प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले सभी जोखिमों risks को समझने में मदद करती है।
- यह प्रोजेक्ट की लागत cost और समय timeका सही अनुमान लगाती है।
- यह प्रोजेक्ट की सफलता की संभावना chances of success बढ़ाती है।