functional and non functional requirements in software engineering in hindi

functional and non functional requirements

सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट में Requirements (आवश्यकताएँ) को दो प्रमुख श्रेणियों में बाँटी गई हैं:

  1. फंक्शनल रिक्वायरमेंट्स (Functional Requirements)
  2. नॉन-फंक्शनल रिक्वायरमेंट्स (Non-Functional Requirements)

यह दोनों software system के design, development, और testing के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते है:

1. फंक्शनल रिक्वायरमेंट् (Functional Requirements)

यह सिस्टम की मूल कार्यक्षमताओं (Core Functionalities) को परिभाषित करता हैं, अर्थात “सिस्टम क्या करेगा?”

फंक्शनल रिक्वायरमेंट्स software के विशिष्ट कार्यों, फीचर्स, और behavior को दर्शाती हैं। यह उपयोगकर्ता की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करता हैं।

उदाहरण (Examples):
  • User Registration: उपयोगकर्ता नाम, ईमेल, और पासवर्ड के साथ अकाउंट बनाना।
  • Login/Logout: यूजर द्वारा सिस्टम में प्रवेश और बाहर निकलना।
  • Data Search: डेटाबेस से specific जानकारी खोजने की सुविधा।
  • Payment Processing: ऑनलाइन लेनदेन को संभालना।
  • Report Generation: डेटा को PDF/Excel फॉर्मेट में export करना।
विशेषताएँ (Characteristics):
  • सीधे उपयोगकर्ता की ज़रूरतों से जुड़ी होती हैं।
  • इन्हें “Shall” या “Must” शब्दों से डिफाइन किया जाता है (जैसे: “system user को पासवर्ड रीसेट करने की सुविधा प्रदान करेगा”)।
  • इन्हें यूजर स्टोरीज़ (User Stories) या यूजकेस डायग्राम (Use Case Diagrams) के माध्यम से दर्शाया जाता है।

2. नॉन-फंक्शनल रिक्वायरमेंट्स (Non-Functional Requirements)

यह system की Quality और Performance से संबंधित होती हैं, अर्थात “सिस्टम कैसे काम करेगा?”

Non-Functional Requirements की सुरक्षा, स्केलेबिलिटी (Scalability), विश्वसनीयता (Reliability), और उपयोगकर्ता अनुभव जैसे पहलुओं को परिभाषित करता हैं।

उदाहरण (Examples):

  • परफॉर्मेंस (Performance):
    • “सिस्टम 1000 यूजर्स को एक साथ हैंडल कर सकता है।”
    • “सर्च रिजल्ट 2 सेकंड के अंदर दिखाई देगा।”
  • सुरक्षा (Security):
    • “यूजर डेटा encrypted format में स्टोर होगा।”
    • “सिस्टम में OTP-आधारित लॉगिन होगा।”
  • स्केलेबिलिटी (Scalability):
    • “सिस्टम भविष्य में 50% ट्रैफ़िक बढ़ने पर भी सुचारू रूप से काम करेगा।”
  • यूजर इंटरफेस (User Interface):
    • “इंटरफेस मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों पर रिस्पॉन्सिव होगा।”
  • रिलायबिलिटी (Reliability):
    • “सिस्टम 99.9% अपटाइम प्रदान करेगा।”
  • कंपैटिबिलिटी (Compatibility):
    • “सॉफ़्टवेयर Windows, Linux, और macOS पर चल सकेगा।”

विशेषताएँ (Characteristics):

  • यह सिस्टम के कैसे” पर फोकस करता हैं।
  • इन्हें मापने के लिए मेट्रिक्स (Metrics) का उपयोग होता है (जैसे: load time, uptime, error rate)।
  • अक्सर इन्हें सिस्टम शैल (System Shall)” या सिस्टम मस्ट (System Must)” के साथ लिखा जाता है।

Functional And Non Functional Requirements Deferance

Functional And Non Functional Requirements defrence
महत्व (Importance):
  • फंक्शनल: सिस्टम को उपयोगी बनाने के लिए ज़रूरी।
  • नॉन-फंक्शनल: सिस्टम को विश्वसनीय, सुरक्षित, और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक।

निष्कर्ष:

सॉफ़्टवेयर प्रोजेक्ट की सफलता के लिए दोनों प्रकार की आवश्यकताओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना ज़रूरी है। फंक्शनल रिक्वायरमेंट्स सिस्टम के उद्देश्य को पूरा करती हैं, जबकि नॉन-फंक्शनल रिक्वायरमेंट्स उसकी गुणवत्ता और performance सुनिश्चित करती हैं।

functional and non functional requirements in software engineering in hindi” उम्मीद है कि यह  topic आपके लिए  Helpful हुआ होगा। और अधिक  topics के लिए  Search Button अथवा  Read More Topics पर जाएं।

Leave a Comment