
Protocol in hindi
प्रोटोकॉल का उपयोग डेटा ट्रांसफर (Telecommunications) करने के लिए किया जाता है। प्रोटोकॉल एक नियमों का समूह है जो किसी दो या दो से अधिक कंप्यूटरों के बीच डेटा के आदान-प्रदान को नियंत्रित (control) करता है।
दूसरे शब्दों में, प्रोटोकॉल किसी सिस्टम या नेटवर्क का एक set of rules तथा स्टैंडर्ड होता है, जो डिवाइस या सिस्टम के बीच information का आदान-प्रदान करता है।
प्रोटोकॉल यह सुनिश्चित (ensure) करता है कि डेटा सही तरीके से ट्रांसफर हो रहा है या नहीं, डेटा समझने योग्य है या नहीं, और प्रोसेसिंग के दौरान कोई error न आए।
यह एक स्टैंडर्ड होता है, इसके स्टैंडर्ड मॉडल को OSI अर्थात Open System इंटरकोनेक्शन कहा जाता है।
प्रोटोकॉल की वजह से ही इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि प्रत्येक website अथवा अन्य link में HTTP प्रोटोकॉल का उपयोग होता है।
Types of Protocol
प्रोटोकॉल निम्न प्रकार के होते हैं:
- TCP
- UDP
- IP
- FTP
- HTTP
- HTTPS
- SMTP
- TELNET
1. TCP
इसका पूरा नाम Transmission Control Protocol होता है। यह एक communication प्रोटोकॉल है जिसमें इंटरनेट पर सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है।
यह प्रोटोकॉल डेटा को व्यवस्थित तरीके से भेजने का कार्य करता है। TCP को इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) के साथ जोड़कर इस्तेमाल किया जाता है।
यह प्रोटोकॉल एप्लीकेशन और नेटवर्क लेयर के बीच स्थित होता है, जिसका उपयोग विश्वसनीय डेटा transfer करने के लिए किया जाता है। इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP), जो कंप्यूटरों के बीच डेटा पैकेट भेजने की तकनीक स्थापित करता है, TCP के साथ काम करता है।
TCP की कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:
- Connection-Oriented: TCP डेटा भेजे जाने से पहले sender और receiver के बीच एक कनेक्शन स्थापित करता है।
- Reliable: TCP सही क्रम में डेटा की डिलीवरी की गारंटी देता है।
- Error-check: TCP डेटा पर Error-check करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सटीक (accurate) है।
- Flow Control: TCP नेटवर्क traffic को रोकने के लिए भेजे गए डेटा की मात्रा को नियंत्रित करता है।
2. UDP
UDP का मतलब है User Datagram Protocol। यह एक communication प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर डेटा transfer के लिए इस्तेमाल होता है।
यह Transmission Control Protocol (TCP) का alternative है। UDP का उपयोग मुख्य रूप से तीव्र डेटा speed के लिए किया जाता है। इसमें डेटा loss अथवा डेटा व्यवस्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाता।
UDP की मुख्य विशेषताएँ:
- Connection less: UDP डेटा भेजने से पहले कोई समर्पित (dedicated) कनेक्शन स्थापित नहीं करता है।
- Best effort delivery: UDP यह गारंटी नहीं देता है कि पैकेट अपने destination पर पहुँचेंगे।
- No error correction: यदि डेटा पैकेट loss हो जाते हैं या corrupt हो जाते हैं, तो उन्हें पुनः retransmitted नहीं किया जाता है।
- Fast Transmission: UDP आम तौर पर TCP (Transmission Control Protocol) से तेज़ होता है क्योंकि इसमें ओवरहेड कम होता है।
इसके सामान्य उपयोग:
- Online gaming
- Video streaming
- VoIP (Voice over Internet Protocol)
- DNS lookups आदि।
3. IP
IP का पूरा नाम है इंटरनेट प्रोटोकॉल। यह एक Fundamental communication प्रोटोकॉल है जो डिवाइस को इंटरनेट पर डेटा पैकेट भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है। प्रत्येक IP पैकेट में Source और Destination का पता होता है।
इसके मुख्य कार्य:
- Addressing: IP डिवाइस को Binary address (IP पते) प्रदान करता है, जिससे उन्हें पहचाना जा सकता है और उनसे communication किया जा सकता है।
- Routing: IP डेटा पैकेट को Source से Destination तक जाने के लिए सबसे अच्छा मार्ग (best route) निर्धारित करता है।
- Fragmentation: IP ट्रांसमिशन के लिए बड़े डेटा पैकेट को छोटे पैकेट में तोड़ देता है।
Types of Internet Protocol:
- IPv4 (इंटरनेट प्रोटोकॉल संस्करण 4): मूल (original) IP संस्करण, आज भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह 32-bit पते का उपयोग करता है (उदाहरण के लिए, 192.0.2.1)
- IPv6 (इंटरनेट प्रोटोकॉल संस्करण 6): नया IP संस्करण, जिसे IPv4 को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 128-बिट पते का उपयोग करता है (उदाहरण के लिए, 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334)

IP इंटरनेट की जड़ है, जो डिवाइस को संचार करने और डेटा का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट को काम करने में सक्षम बनाता है!
4. FTP
FTP का statnd name है फ़ाइल ट्रांसफ़र प्रोटोकॉल। यह एक Standard नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग इंटरनेट पर किसी भी फ़ाइल को डाउनलोड तथा अपलोड करने के लिए किया जाता है।
कंप्यूटर और वेब सर्वर के बीच फ़ाइलों को स्थानांतरित करने के लिए भी किया जाता है।
FTP की कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:
- File Transfer: FTP सिस्टम के बीच फ़ाइलों के ट्रांसफ़र को सक्षम बनाता है।
- File Management: FTP उपयोगकर्ताओं को फ़ाइलों और सूचनाओं को बनाने, हटाने और नाम बदलने की अनुमति देता है।
- Security: FTP फ़ाइल ट्रांसफ़र को सुरक्षित करने के लिए प्रमाणीकरण (authentication) और एन्क्रिप्शन (encryption) को समर्थन (support) करता है।
5. HTTP
HTTP का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol है, जिसका उपयोग इंटरनेट पर वेब पेजों सहित डेटा को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
HTTP डिवाइस को एक दूसरे के साथ communication करने और जानकारी का आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है, जिससे उपयोगकर्ता online content तक पहुँच सकते हैं और उसे साझा कर सकते हैं।
HTTP का अर्थ है:
- Hypertext: लिंक किए गए Documents को संदर्भित करता है, जिससे उपयोगकर्ता हाइपरलिंक पर क्लिक करके वेब पेजों के बीच जा सकते हैं।
- Transfer: डिवाइस के बीच डेटा भेजने और प्राप्त करने की प्रक्रिया को describe करता है।
- Protocol: डेटा ट्रांसफर को नियंत्रित करने वाले नियमों और मानकों के सेट को परिभाषित करता है।

6. HTTPS
HTTPS का मतलब है Hypertext Transfer Protocol Secure। यह HTTP का एक विस्तार है, जो transmission में डेटा की सुरक्षा के लिए secure और encryption की एक अतिरिक्त layer जोड़ता है।
HTTPS सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ता के ब्राउज़र और वेबसाइट के बीच आदान-प्रदान किया जाने वाला डेटा secure और encrypted है:

7. SMTP
SMTP का पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol है। इसका उपयोग ईमेल संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
इसका मुख्य कार्य:
- Mail sending: SMTP ईमेल क्लाइंट को ईमेल सर्वर को संदेश भेजने की अनुमति देता है।
- Mail replying: SMTP ईमेल सर्वर को अन्य ईमेल सर्वर को संदेश अग्रेषित (reply) करने में सक्षम बनाता है।
- Mail receiving: SMTP ईमेल सर्वर को ईमेल क्लाइंट से संदेश प्राप्त करने की अनुमति देता है।
- एक ईमेल क्लाइंट (जैसे, Gmail) ईमेल सर्वर को संदेश भेजने के लिए SMTP का उपयोग करता है।
- ईमेल सर्वर प्राप्तकर्ता के ईमेल सर्वर को संदेश अग्रेषित करने के लिए SMTP का उपयोग करता है।
- प्राप्तकर्ता का ईमेल सर्वर प्राप्तकर्ता के ईमेल क्लाइंट को संदेश देने के लिए SMTP का उपयोग करता है।
8. TELNET
यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग इंटरनेट पर किसी कंप्यूटर या डिवाइस तक रिमोट एक्सेस के लिए किया जाता है।
यह उपयोगकर्ताओं को रिमोट सिस्टम से कनेक्ट करने और कमांड execute करने की अनुमति देता है जैसे कि वे मशीन पर भौतिक रूप से मौजूद हों।
टेलनेट का उपयोग विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे:
- नेटवर्क समस्याओं को डिबग करना
- नेटवर्क कनेक्टिविटी का परीक्षण करना
- पुराने उपकरणों से कनेक्ट करना जो केवल टेलनेट का समर्थन करते हैं
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