RAD Model in Hindi

RAD Model in Hindi

इसका पूरा नाम Rapid Application Development Model है। RAD मॉडल एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रक्रिया है जो तेजी से application बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है।

इसमें Prototyping, Iterative डेवलपमेंट और यूजर feadback का उपयोग करके सॉफ्टवेयर को जल्दी और कुशलता से विकसित किया जाता है। यह मॉडल छोटे और मध्यम आकार के प्रोजेक्ट्स के लिए उपयुक्त है।

दुसरे शब्दों में RAD मॉडल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का एक fast और flexible mothod है। इसमें सॉफ्टवेयर को छोटे-छोटे चरणों में विकसित किया जाता है, और हर चरण में यूजर feadback को शामिल किया जाता है।

RAD मॉडल का मुख्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर को कम समय में और उच्च गुणवत्ता के साथ डिलीवर करना है।

History:

RAD मॉडल को 1980 के दशक में IBM ने प्रस्तावित किया था। इस मॉडल को 1980 के दशक में जेम्स मार्टिन (James Martin) ने विकसित किया था। यह मॉडल पारंपरिक Waterfall Model की कमियों को दूर करने के लिए बनाया गया था, जैसे कि लंबा डेवलपमेंट समय और यूजर feadback की कमी।

RAD मॉडल ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को अधिक flexible और यूजर के आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सॉफ्टवेयर बनाने का एक तरीका प्रदान किया।

Phases of RAD model

इस model में निम्न phases होते है :

  • Requirements Planning
  • User Description (Design)
  • Rapid Construction
  • Cutover phase

Requirements Planning

यूजर और डेवलपर्स मिलकर प्रोजेक्ट की आवश्यकताओं को समझते हैं। यह RAD मॉडल का पहला चरण है। इसमें प्रोजेक्ट की आवश्यकताओं को समझा और परिभाषित किया जाता है। 

यूजर और डेवलपर्स मिलकर प्रोजेक्ट की जरूरतों को समझते हैं। Task analysis, brainstorming, user scenarios जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। 

प्रोजेक्ट का एक Structured plan तैयार किया जाता है। इस चरण में प्रोजेक्ट की basic fundamental रूपरेखा तैयार होती है, जो आगे के steps के लिए मार्गदर्शन करती है।

 

User Description (design)

इस चरण में, Development Team सॉफ्टवेयर के लिए एक विस्तृत Design बनाती है। इसमें सॉफ्टवेयर के Architecture, User Interface, और Database Design शामिल हो सकते हैं।

डेवलपर्स और यूज़र्स मिलकर सॉफ़्टवेयर का prototype बनाते हैं।  Prototype को बार-बार टेस्ट किया जाता है और यूज़र्स की फीडबैक के आधार पर सुधार किया जाता है।

यह RAD मॉडल का दूसरा चरण है। इस चरण में यूजर feadback लेकर एक prototype (प्रारूप) बनाया जाता है। यह चरण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें यूजर की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर सॉफ्टवेयर का एक प्रारंभिक रूप तैयार किया जाता है।

What Happens in User Description Phase?)

यूजर feadback लेना:

  • पहले चरण (आवश्यकता योजना) में एकत्र की गई जानकारी को यूजर के सामने प्रस्तुत किया जाता है। 
  • यूजर से feadback लिया जाता है कि उनकी आवश्यकताएं सही तरीके से समझी गई हैं या नहीं। 

prototype बनाना:

  • यूजर feadback के आधार पर एक prototype (प्रारूप) बनाया जाता है। 
  • prototype सॉफ्टवेयर का एक छोटा और सरल रूप होता है, जो यूजर को दिखाया जा सकता है। 

Rapid Construction

  • इस चरण में prototype को code में बदलकर सॉफ्टवेयर बनाया जाता है। 
  • Prototype को code में बदला जाता है। 
  • शक्तिशाली डेवलपमेंट tools (जैसे JAVA, C++, XML) का उपयोग किया जाता है। 
  • सॉफ्टवेयर के विभिन्न मॉड्यूल को अलग-अलग टीमों द्वारा विकसित किया जाता है। 
  • सभी मॉड्यूल को एक साथ जोड़कर फाइनल प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। 
  • इस चरण में सॉफ्टवेयर का वास्तविक निर्माण होता है, और यह प्रोजेक्ट का सबसे महत्वपूर्ण चरण है।
  • फाइनल प्रोटोटाइप को coding और testing के ज़रिए पूरा सॉफ़्टवेयर बनाया जाता है।
  • डेवलपर्स तेज़ी से काम करते हैं और लगातार यूज़र्स से फीडबैक लेते हैं।
  • इस चरण में unlimited tools का इस्तेमाल होता है ताकि काम जल्दी पूरा हो।

Cutover phase

RAD Model के cutover step में, सॉफ्टवेयर के अलग-अलग मॉड्यूल (हिस्सों) को जोड़कर पूरा सिस्टम तैयार किया जाता है। इसके बाद, सिस्टम की पूरी तरह से जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी हिस्से सही तरीके से काम कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर को टेस्ट किया जाता है और फाइनल वर्जन यूजर को दिया जाता है। 

Interface Testing

  • सॉफ्टवेयर के अलग-अलग मॉड्यूल (हिस्से) को अलग-अलग टीमों द्वारा विकसित किया जाता है। 
  • इन मॉड्यूल्स के बीच के कनेक्शन (इंटरफेस) को टेस्ट किया जाता है। 
  • यह जांचा जाता है कि क्या सभी मॉड्यूल एक-दूसरे के साथ सही तरीके से काम कर रहे हैं।

RAD Model में सॉफ्टवेयर को तेजी से विकसित करने के लिए एक प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस प्रक्रिया में prototype (प्रारूप) बनाया जाता है, तथा यूजर feadback लिया जाता है, और फिर डिजाइन को फाइनल किया जाता है।

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