Router in Hindi – राउटर क्या होता है?
Router एक डिवाइस है एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर में नेटवर्किंग नेटवर्क के लिए use की जाती है राउटर एक डिवाइस है जो multiple कंप्यूटर नेटवर्क को आपस में जोड़ती है और डाटा पैकेट को इन नेटवर्क के बीच फॉरवर्ड करती है यह पता लगाने के बाद की डाटा को सेंड करने या best path कौन सा है।
राउटर का उपयोग उसे लोकल नेटवर्क को इंटरनेट या फिर दूसरे वाइड एरिया के नेटवर्क के साथ जोड़ने करने के लिए किया जाता है।

राउटर sender से डाटा पैकेट को प्राप्त करता है और इन डाटा पैकेट को रिसीवर के पास ट्रांसफर कर देता है साथ ही बेस्ट path अच्छा रास्ता को एनालाइज करने के बाद उस रास्ते से डाटा पैकेट को भेजता है।
एक राउटर (Router) एक ऐसा नेटवर्क डिवाइस है जो अलग-अलग कंप्यूटर नेटवर्कों (Computer Networks) के बीच डेटा पैकेट्स (Data Packets) को भेजने का काम करता है।
इसे आप एक “ट्रैफिक पुलिस” या “जंक्शन” की तरह समझ सकती हैं जो यह तय करता है कि डेटा को उसके सही पते (Destination) तक कैसे और किस रास्ते से पहुँचाया जाए.यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का एक कॉम्बिनेशन (Combination) होता है जो नेटवर्क पर डिवाइसेस के बीच कम्युनिकेशन (Communication) को पॉसिबल बनाता है।
जब भी आप इंटरनेट पर कुछ करते हैं – चाहे कोई वेबसाइट खोलें, ईमेल भेजें या यूट्यूब पर वीडियो देखें – तो आपकी जानकारी सीधे एक साथ नहीं जाती। बल्कि ये जानकारी छोटे-छोटे हिस्सों में टूट जाती है, जिन्हें डेटा पैकेट्स कहा जाता है।
अब ज़रा सोचिए, जैसे कोई डाकिया आपके ख़त को अलग-अलग लिफ़ाफों में बाँटकर अलग-अलग जगहों पर भेजता है, वैसे ही इंटरनेट पर ये पैकेट्स अपने-अपने रास्ते से चलते हैं।
राउटर उस ट्रैफिक पुलिस की तरह होता है जो इन पैकेट्स को सही रास्ता दिखाता है और उन्हें उनके मंज़िल यानी सही डिवाइस या सर्वर तक पहुँचाता है। अगर राउटर न हो, तो ये पैकेट्स रास्ता भटक सकते हैं या गलत जगह पहुँच सकते हैं।
Router (राउटर) एक ऐसा नेटवर्क डिवाइस है जो दो या दो से अधिक नेटवर्क्स को आपस में जोड़ता है और डाटा को सही रास्ते से आगे भेजता है। आसान भाषा में कहें तो राउटर वह डिवाइस है जो इंटरनेट को आपके मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर तक पहुंचाता है।
Router कैसे काम करता है? – How Router Works in Hindi
राउटर एक नेटवर्क डिवाइस होता है जो इंटरनेट से प्राप्त डाटा को आपके कंप्यूटर मोबाइल लैपटॉप या अन्य स्मार्ट डिवाइसेज़ तक पहुंचाता है।
यह एक प्रकार का ब्रिज होता है जो इंटरनेट सेवा प्रदाता और आपके पर्सनल नेटवर्क के बीच में काम करता है।
जब आप अपने घर में किसी डिवाइस से इंटरनेट का उपयोग करते हैं जैसे कि यूट्यूब चलाते हैं या गूगल पर कुछ सर्च करते हैं तो आपकी डिवाइस राउटर को डाटा के लिए एक रिक्वेस्ट भेजती है।
राउटर इस रिक्वेस्ट को प्रोसेस करता है और इंटरनेट से संबंधित डाटा मंगवाता है। उसके बाद वह डाटा को वापस उसी डिवाइस तक पहुंचाता है जिससे रिक्वेस्ट भेजी गई थी।
राउटर हर डिवाइस का एक यूनिक IP Address पहचानता है जिससे यह समझ पाता है कि कौन सा डाटा किस डिवाइस के लिए है।
यह डाटा को एक सुरक्षित और तेज़ रास्ते से भेजने की कोशिश करता है जिससे नेटवर्क की स्पीड बनी रहे और ट्रैफिक सही ढंग से मैनेज हो।
राउटर वाईफाई या लैन केबल के जरिए एक लोकल नेटवर्क तैयार करता है। इस नेटवर्क में सभी डिवाइसें एक-दूसरे से जुड़ी रहती हैं। राउटर यह तय करता है कि कौन सी जानकारी किस डिवाइस पर जानी चाहिए और किस रास्ते से भेजनी है।
राउटर न सिर्फ इंटरनेट से डाटा मंगाता है बल्कि एक नेटवर्क मैनेजर की तरह भी काम करता है। यह नेटवर्क ट्रैफिक को संभालता है अनावश्यक लोड को कम करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी कनेक्टेड डिवाइस को अच्छी स्पीड मिले।
कुल मिलाकर राउटर का मुख्य कार्य डाटा को सही डिवाइस तक तेजी और सुरक्षा के साथ पहुंचाना होता है, इसी कारण से यह आज के डिजिटल युग में एक बेहद जरूरी उपकरण बन गया है।
- Router इंटरनेट से जुड़ा होता है (जैसे BSNL, Jio, Airtel का Broadband)।
- यह डाटा पैकेट्स को रिसीव करता है और यह तय करता है कि उन्हें किस डिवाइस पर भेजना है।
- राउटर IP Address के ज़रिए यह पहचानता है कि कौन-सी डिवाइस कौन-से डाटा की डिमांड कर रही है।
- यह डाटा को सबसे तेज़ और सुरक्षित रास्ते से ट्रांसफर करता है।
Router के प्रकार – Types of Routers in Hindi
1. Wired Router
- यह केवल केबल (LAN) के माध्यम से कनेक्शन देता है।
- सुरक्षा अधिक होती है।
- स्पीड स्थिर होती है।
2. Wireless Router (Wi-Fi Router)
- इसमें वायर की जरूरत नहीं होती।
- मोबाइल, लैपटॉप आदि को वायरलेस कनेक्शन मिलता है।
- सबसे ज़्यादा उपयोग इसी का होता है।
3. Core Router
- यह बड़े नेटवर्क (जैसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर या कंपनी के नेटवर्क) को हैंडल करता है।
4. Edge Router
- यह नेटवर्क के बाहरी किनारे पर होता है और इंटरनेट से कनेक्ट करता है।
Router के फायदे – Benefits of Router in Hindi
1. Multiple Devices को कनेक्ट कर सकते हैं – एक साथ कई मोबाइल, लैपटॉप आदि।
2. Wireless सुविधा – बिना तार के इंटरनेट एक्सेस।
3. Security फीचर्स – Firewall, Password Protection आदि।
4. स्पीड कंट्रोल – QoS सेट करके किसी डिवाइस की स्पीड बढ़ा-घटा सकते हैं।
5. Parent Control – बच्चों के लिए इंटरनेट यूज़ को सीमित कर सकते हैं।
6. नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रोवाइड करता है
राउटर अलग-अलग डिवाइसेज़ को इंटरनेट से जोड़ने का काम करता है और नेटवर्क के बीच कनेक्टिविटी बनाए रखता है।
7. विभिन्न नेटवर्क्स को आपस में जोड़ता है
राउटर अलग-अलग नेटवर्क्स (जैसे – लोकल नेटवर्क और इंटरनेट) को आपस में जोड़ने की सुविधा देता है, जिससे एक नेटवर्क दूसरे नेटवर्क को एक्सेस कर सकता है।
8. सबसे बेहतर रास्ते का चुनाव करता है
राउटर यह तय करता है कि डाटा को सबसे तेज़ और कुशल रास्ते से कहाँ भेजना है ताकि कम समय में सही जगह पहुंचे।
9. नेटवर्क को सुरक्षित बनाता है
राउटर अनऑथराइज्ड एक्सेस (Unauthorized Access) से नेटवर्क को सुरक्षित रखता है और डाटा को हैकर्स से बचाता है।
राउटर के कुछ नुकसान या सीमाएँ – Disadvantages of Router
1. राउटर महंगे होते हैं (Expensive)।
अच्छे और हाई-स्पीड राउटर की कीमत अधिक होती है, जिससे हर किसी के लिए इन्हें खरीदना आसान नहीं होता।
2. कॉन्फ़िगरेशन आसान नहीं होता।
हालांकि कुछ राउटर यूज़र-फ्रेंडली होते हैं, फिर भी कुछ मॉडल्स को सेटअप और मैनेज करना बिना टेक्निकल नॉलेज के मुश्किल हो सकता है।
3. सेंसेटिव डाटा रिस्क में पड़ सकता है।
अगर राउटर में सही सिक्योरिटी सेटिंग्स न हों या पासवर्ड कमजोर हो, तो संवेदनशील डाटा (Sensitive Data) खतरे में पड़ सकता है।
4. नेटवर्क ट्रैफिक स्लो कर सकता है।
कभी-कभी राउटर अधिक डिवाइसेज़ से जुड़ने पर नेटवर्क की स्पीड को धीमा कर देता है, खासकर जब बैंडविड्थ लिमिटेड हो।
5. कुछ राउटर सीमित डिवाइसेज़/सॉफ्टवेयर के साथ ही काम करते हैं।
कुछ राउटर सिर्फ चुनिंदा डिवाइसेज़ या ऑपरेटिंग सिस्टम्स (OS) के साथ ही कम्पेटिबल होते हैं, जिससे सभी यूज़र्स को सुविधा नहीं मिलती।
6. कभी-कभार राउटर फेल हो सकते हैं।
राउटर भी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है और ओवरलोड, गर्मी या सॉफ़्टवेयर बग के कारण कभी-कभी काम करना बंद कर सकते हैं।
राउटर के महत्वपूर्ण उपयोग
- घरों में Wi-Fi इंटरनेट के लिए।
- ऑफिस और कंपनियों में नेटवर्किंग के लिए।
- स्कूल, कॉलेज में कंप्यूटर लैब्स के लिए।
- Cyber Café और Shops में।
- CCTV कैमरा सिस्टम में।
Router का उपयोग – याद रखने की ट्रिक (R-O-U-T-E-R ट्रिक से)
R – Reachability
राउटर इंटरनेट को कई डिवाइसों तक पहुंचाने का कार्य करता है। यह नेटवर्क की पहुंच को बढ़ाता है।
O – Organizing Devices
यह सभी कनेक्टेड डिवाइसेज़ को एक नेटवर्क में व्यवस्थित करता है और उन्हें एक-दूसरे से जोड़ता है।
U – Unique Addressing
हर डिवाइस का IP Address पहचान कर डाटा को सही जगह पहुंचाता है।
T – Traffic Management
नेटवर्क ट्रैफिक को नियंत्रित करता है, जिससे स्पीड और कनेक्टिविटी बनी रहती है।
E – Efficient Data Transfer
यह डाटा को सबसे तेज़ और सुरक्षित रास्ते से भेजता है, जिससे समय और बैंडविड्थ की बचत होती है।
R – Reliable Security
राउटर अनचाहे एक्सेस को रोकता है और नेटवर्क को सुरक्षित बनाता है।
अब इस ट्रिक से याद रखो –
R-O-U-T-E-R = Reach, Organize, Unique ID, Traffic, Efficient, Reliable
Router खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
1. Speed Support – 100 Mbps, 300 Mbps, 1 Gbps आदि।
2. Band Support – Single Band (2.4 GHz) या Dual Band (2.4 GHz + 5 GHz)।
3. ब्रांड – TP-Link, D-Link, Netgear, Asus आदि।
4. LAN Ports की संख्या – ज़रूरत के अनुसार।