Secondary Memory in Hindi
सोकेंडरी मेमोरी को स्थाई मेमोरी भी कहा जाता है। इसे परमानेंट स्टोरेज डिवाइस भी कहते हैं क्योंकि विद्युत सप्लाई जाने के बाद भी इसमें संग्रहित डेटा सुरक्षित रहता है।
Primary Memory में रखी डेटा विद्युत चले जाने के बाद उसमें रखी डेटा और सूचनाएं नष्ट हो जाती हैं। इसलिए कम्प्यूटर में सूचनाओं को स्थाई रूप से संग्रहित करने के लिए सहायक मेमोरी ( secondary memory) का उपयोग किया जाता है।
सेकेंडरी मेमोरी CPU के बाहर स्थित होती है। इसलिए इसे External Memory भी कहा जाता है। क्योंकि सेकेंडरी मेमोरी के डेटा को read और write करने में बहुत समय लग जाता है।
सामान्यतः कम्प्यूटर में इसका उपयोग डेटा को लंबे समय तक स्टोर करके रखने के लिए किया जाता है। यह पोर्टेबल भी होता है, अर्थात सेकेंडरी मेमोरी को एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में लगा सकते हैं। इससे संग्रहित डेटा को कोई हानि नहीं होगी।
ये डिवाइस Primary Memory की तुलना में अधिक डेटा स्टोर करके रख सकती है। लेकिन इसकी गति Primary Memory से कम होती है। सोकेंडरी मेमोरी कम कीमत में और अधिक मात्रा में डेटा स्टोर करती है।
Secondary memory के प्रकार :
1. SSD
2. HDD
3. Magnetic tape
4. Floppy disk
5. Pen drive / memory card
6. CD
7. DVD
1. SSD
यह एक प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है। इसका पूरा नाम Solid State Drive होता है। इसका उपयोग Laptop, desktop और अन्य कंप्यूटर में डेटा संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
SSD ड्राइव अन्य external डिवाइस से फास्ट होती है। यह कंप्यूटर की booting और फाइल ट्रांसफर की स्पीड को बढ़ा देती है। साथ ही, अलग-अलग प्रकार के एप्लीकेशन के loading time को कम करती है।
यह HDD स्टोरेज डिवाइस की तुलना में ज्यादा टिकाऊ होता है। लेकिन यह HDD स्टोरेज डिवाइस से महंगी होती है। SSD का उपयोग गेमिंग, वीडियो एडिटिंग, वेब ब्राउज़िंग, और ऑपरेटिंग सिस्टम की स्पीड बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।

2. HDD
इसका पूरा नाम Hard Disk Drive है। यह डिवाइस भी SSD की तरह ही होती है, इसका उपयोग Laptop, Desktop और अन्य कंप्यूटर में डेटा संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
HDD में घूमने वाली डिस्क होती है जिसमें डेटा को चुंबकीय रूप से Read और Write किया जाता है। इसमें कंप्यूटर के programs, Operating System, Software तथा अन्य सूचनाएं संग्रहित होती हैं।
इस हार्ड डिस्क में दूसरे स्टोरेज डिवाइस की तुलना में अधिक डेटा संग्रहित करने की क्षमता होती है। यह वृत्ताकार गोल प्लेट जैसी होती है। SSD Drive की तुलना में इसकी size बड़ी होती है, इसलिए इसमें अत्यधिक डेटा स्टोर किया जा सकता है।

3. Magnetic Tape
इसमें डेटा को चुंबकीय रूप से टेप पर लिखा जाता है, जिससे चुंबकीय पदार्थ की एक पतली लेयर होती है। इसी लेयर में डेटा को चुम्बकीय रूप से संग्रहित किया जाता है।
जब टेप को पढ़ा जाता है, तो इन चुंबकीय क्षेत्रों को डेटा में परिवर्तित किया जाता है। पहले, मैग्नेटिक टेप का व्यापक रूप से डेटा बैकअप के लिए उपयोग किया जाता था।
आजकल, इसका उपयोग मुख्य रूप से डेटा बैकअप और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए किया जाता है।
यह मैग्नेटिक टेप एक रील पर rounded (लिपटी) होती है। मैग्नेटिक टेप की तुलना में हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) और सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD) अधिक तेज़ और विश्वसनीय हैं, इसलिए इनका अधिकतर उपयोग किया जाता है।
उदाहरण:
- पुराने वीडियो कैसेट (VHS) टेप,
- ऑडियो कैसेट,
- डेटा कार्ट्रिज।

4. Floppy Disk
Floppy disk एक पुराने जमाने का स्टोरेज डिवाइस है, जो डेटा को संग्रहित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। यह प्लास्टिक का बना होता था और डेटा को चुम्बकीय रूप से स्टोर करता था।
Floppy disk आमतौर पर पतला, flexible और rectangular आकार में होता था। यह उस समय बहुत ही पॉपुलर था।
इसका उपयोग कम्प्यूटर के डेटा को एक system से दूसरे system में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था। साथ ही डेटा का backup लेने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था।
Floppy disks के कुछ disadvantages थे जैसे कि लिमिटेड संग्रहण क्षमता, धीमी गति से फाइल ट्रांसफर, तथा डेटा corrupt होने की संभावना आदि। इसलिए इसका उपयोग धीरे-धीरे कम किया जाने लगा, दूसरी वजह यह भी थी कि नए-नए स्टोरेज डिवाइस बाजार में आने लगे थे।

5. Pen drive / Memory Card
यह वर्तमान में चलने वाली सबसे पॉपुलर स्टोरेज डिवाइस है। यह size में छोटे और सस्ते होते हैं। इसका उपयोग कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और डेस्कटॉप में डेटा को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
Pendrive और Memory Card पोर्टेबल और लाइटवेट स्टोरेज डिवाइस होते हैं। इसमें documents, multimedia और अन्य प्रकार के फाइल्स को स्टोर करके रखा जाता है। इसमें अलग-अलग प्रकार की क्षमता होती है जैसे 4GB,8GB,32GB,256GB और अधिक।
इस प्रकार के स्टोरेज डिवाइस में डेटा को तेजी से read और write करने की क्षमता होती है। और यह अधिक टिकाऊ और विश्वसनीय होते हैं।
इसका उपयोग डेटा ट्रांसफर के लिए, फाइल्स के backup के लिए, फोटो, वीडियो और ऑडियो को स्टोर करके रखने के लिए, तथा डेटा शेयर करने के लिए किया जाता है।

6. CD
CD का मतलब ‘Compact Disc’ होता है। यह गोल आकार की एक ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस है जिसमें डेटा को डिजिटल रूप से स्टोर किया जाता है। इसे Read करने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है।
CD का उपयोग मुख्य रूप से music, software, games, और अन्य प्रकार के डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। साथ ही, इसका उपयोग डेटा transfer करने के लिए भी किया जाता है।
पहले CD लोकप्रिय स्टोरेज डिवाइस हुआ करता था, लेकिन वर्तमान में डिजिटल डाउनलोड और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की वजह से इसकी डिमांड कम हो गई है।

CD के प्रकार:
CD-ROM: यह केवल पढ़ने योग्य होती है, इसमें डेटा को बदला नहीं जा सकता।
CD-R: एक बार लिखने योग्य होती है, इसमें डेटा को एक बार लिखा जा सकता है, फिर नहीं बदला जा सकता।
CD-RW: बार-बार लिखने योग्य होती है, इसमें डेटा को कई बार लिखा और मिटाया जा सकता है।
7. DVD
इसका पूरा नाम Digital Versatile Disk है, जो एक ऑप्टिकल डिस्क स्टोरेज मीडिया है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वीडियो, ऑडियो और डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
इसे digital video disk भी कहा जाता है। यह सीडी की तरह ही होती है तथा इसका साइज भी CD के समान होता है। लेकिन CD की तुलना में DVD की स्टोरेज क्षमता कई गुना अधिक होती है। अर्थात DVD में अधिक मात्रा में डेटा संग्रहित किया जा सकता है।
सामान्यतः इसका उपयोग फिल्म, संगीत, सॉफ्टवेयर तथा अन्य फाइलों को स्टोर करने के लिए किया जाता है।

DVD के अलग-अलग types होते हैं जैसे:
DVD-ROM (Read-Only Memory), जिसे सिर्फ read किया जा सकता है,
DVD-R (Recordable), जिसे एक बार डेटा write कर सकते हैं,
DVD-RW (Re-Writable), जिसे अनेक बार डेटा write कर सकते हैं और overwrite भी कर सकते हैं।
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