Switching in Computer Network in Hindi

​कंप्यूटर नेटवर्किंग में स्विचिंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो डेटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक आसानी से पहुंचाने में मदद करती है। यह तकनीक नेटवर्क की Compatibility, speed और विश्वसनीयता को बढ़ाने में सहायक होती है। ​Switching in Computer Network in Hindi…..

Switching in Computer Network in Hindi -स्विचिंग क्या है?

स्विचिंग एक नेटवर्किंग प्रक्रिया है जिसमें डेटा को Source से Destination तक पहुंचाने के लिए विभिन्न मार्गों का चयन किया जाता है।

यह प्रक्रिया नेटवर्क में डेटा ट्रांसमिशन को नियंत्रित और निर्देशित करती है, जिससे डेटा कुशलता से और बिना किसी बाधा के Destination तक पहुंचता है।

Switching in Computer Network in Hindi

दुसरे शब्दों में, चिंग (Switching) कंप्यूटर नेटवर्किंग में डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया विभिन्न नेटवर्क डिवाइसेज़ के माध्यम से होती है, जो डेटा को उसके Destination तक पहुंचाने के लिए मार्ग निर्धारित करते हैं।

स्विचिंग के प्रकार (Types of Switching)

कंप्यूटर नेटवर्किंग में मुख्यतः तीन प्रकार की स्विचिंग तकनीकें होती हैं:​

1. सर्किट स्विचिंग (Circuit Switching)

इस तकनीक में डेटा ट्रांसमिशन के लिए एक समर्पित पथ स्थापित किया जाता है। यह पथ Communications के पूरे समय तक सक्रिय रहता है। टेलीफोन नेटवर्क इसका प्रमुख उदाहरण है।​

सर्किट स्विचिंग एक ऐसी विधि है, जिसमें Communications के दौरान एक विशेष मार्ग का निर्माण किया जाता है। यह मार्ग संप्रेषक उपकरण (Sender Device) और प्राप्तकर्ता उपकरण (Destination Device) के बीच पूरे संवाद सत्र (communication session) के लिए सुरक्षित रहता है।

इस तकनीक का मुख्य रूप से Traditional Telephone नेटवर्क में उपयोग होता है।

जब एक caller किसी अन्य व्यक्ति को कॉल करता है, तब दोनों उपकरणों के बीच एक संलग्न लिंक बनता है, जो एक क्रम में जुड़ा हुआ पथ तैयार करता है। इस पथ को “समर्पित मार्ग” कहा जाता है, क्योंकि यह पूरे कॉल के समय के लिए स्थायी रहता है।

विशेषताएँ:

  • स्थायी कनेक्शन स्थापित होता है।​
  • डेटा ट्रांसमिशन के दौरान विलंब कम होता है।​
  • नेटवर्क संसाधनों का कुशल उपयोग नहीं होता।​

2. पैकेट स्विचिंग (Packet Switching)

Packet Switching एक ऐसी तकनीक है जिसमें डेटा को छोटे-छोटे टुकड़ों (blocks या packets) में बाँट कर भेजा जाता है।
हर पैकेट में डेटा के साथ-साथ कुछ जानकारी होती है जिससे वह अपने गंतव्य (Destination) यानी जहाँ पहुँचना है, वहाँ तक पहुँच सके।

जब कोई डेटा एक नोड (Node) पर पहुँचता है, तो वह वहाँ थोड़ी देर के लिए स्टोर हो सकता है और फिर अगले नोड की तरफ बढ़ता है। यह तब तक चलता है जब तक डेटा पूरी तरह से अपने गंतव्य तक नहीं पहुँच जाता।

दुसरे शब्दों में, डेटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से Destination तक पहुंचते हैं। इंटरनेट इस तकनीक का प्रमुख उपयोगकर्ता है।​

विशेषताएँ:

  • नेटवर्क संसाधनों का कुशल उपयोग।​
  • डेटा ट्रांसमिशन में विलंब की संभावना।
  • पैकेट्स के क्रम में बदलाव की संभावना।​

3. मैसेज स्विचिंग (Message Switching)

Message Switching को साधारण शब्दों में “Store and Forward” तकनीक कहा जाता है।

इसमें जब कोई कंप्यूटर किसी संदेश (message) को भेजता है, तो वह सीधे Destination तक नहीं जाता। पहले वह एक सेंट्रल स्विचिंग स्टेशन (central switching station) पर पहुँचता है, जहाँ उसे स्टोर किया जाता है। इसके बाद वह अगले नोड (computer) को भेजा जाता है, और यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक संदेश अपनी Destination तक न पहुँच जाए।

इस तकनीक में पूरा संदेश एक नोड से दूसरे नोड तक स्टोर और फॉरवर्ड किया जाता है। यह तकनीक अब कम प्रचलित है।​

कैसे काम करती है Message Switching?

  • इसमें कोई भी dedicated path पहले से तय नहीं होता, जैसे कि circuit switching में होता है।
  • हर संदेश के साथ sender और receiver का पता (address) जुड़ा होता है, जिससे वह नेटवर्क में एक-एक नोड से होकर अपने Destination तक पहुँचता है।
  • हर नोड संदेश को store करता है और फिर आगे forward करता है।
  • इस वजह से, अगर अगला नोड व्यस्त हो तो संदेश तब तक स्टोर रहता है और इंतज़ार करता है।

मैसेज स्विचिंग के उदाहरण

  • ईमेल (E-mail)
  • कंप्यूटर फाइल्स का ट्रांसफर
  • टेलीग्राम
  • ट्रांजैक्शन फाइल्स
  • क्वेरीज़ (Queries)

विशेषताएँ:

  • डेटा ट्रांसमिशन में उच्च विलंब।​
  • नेटवर्क संसाधनों का बेहतर उपयोग।​
  • संदेशों का क्रम बनाए रखना आसान।​

Advantages of Message Switching

  • एक चैनल पर एक समय में एक ही डेटा ट्रांसमिट होता है, जिससे यह तरीका बहुत प्रभावी (Effective) होता है।
  • इसमें बफर की जरूरत होती है, यानी मैसेज को स्टोर करने की जगह चाहिए, लेकिन सेंडर और रिसीवर को एक साथ एक्टिव रहने की ज़रूरत नहीं होती।
  • यह तकनीक circuit switching network से अलग और अधिक लचीली (flexible) होती है।

स्विचिंग तकनीकों की तुलना (Comparison of Switching Techniques)

विशेषता (Feature)Circuit Switching (सर्किट स्विचिंग)Message Switching (मैसेज स्विचिंग)Packet Switching (पैकेट स्विचिंग)
पथ की स्थापना (Path Setup)पहले से पूरा पथ तय होता हैकोई तय पथ नहीं होताहर पैकेट के लिए अलग पथ हो सकता है।
डेटा ट्रांसफर का तरीकालगातार एक ही पथ से डेटा जाता हैपूरा मैसेज स्टोर और फिर फॉरवर्ड होता हैडेटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में भेजा जाता है।
भंडारण (Storage)आवश्यकता नहीं होती हैआवश्यक है (Store & Forward)थोड़ा-बहुत बफरिंग जरूरी होती है।
Transmission Delay (विलंब)Transmission Delay कम होती है।Transmission Delay अधिक होती है।Transmission Delay बहुत कम होती है।
Efficiency (कुशलता)इसमें Efficiency कम होती है। इसमें Efficiency मध्यम होती है।इसमें Efficiency अधिक होती है।
Resource Utilization (संसाधन उपयोग)कम होती है। (dedicated path लॉक होता है।)अच्छाह होती है।सबसे अच्छा होती है।
पैथ का उपयोगएक यूज़र के लिए पूरा पथ आरक्षितसाझा पथ संभवसाझा पथ और डायनामिक रूटिंग
डेटा हानि की संभावनाइसमें डेटा हानि की संभावना बहुत कम होती है।इसमें डेटा हानि की संभावना कम होती है।अइसमें डेटा हानि की संभावना धिक होती है। (लेकिन error checking मौजूद)
उदाहरणटेलीफोन कॉल।ईमेल, टेलीग्रामइंटरनेट डेटा ट्रांसफर, वीडियो स्ट्रीमिंग।

Advantages of Switching

  • डेटा ट्रांसमिशन की गति में वृद्धि।​
  • नेटवर्क संसाधनों का कुशल उपयोग।​
  • डेटा सुरक्षा में सुधार।​

Disadvantages of Switching

  • जटिलता में वृद्धि।
  • नेटवर्क डिज़ाइन और प्रबंधन में कठिनाई।​
  • विलंब की संभावना (विशेषकर पैकेट और मैसेज स्विचिंग में)।​

Conclusion

स्विचिंग कंप्यूटर नेटवर्किंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो डेटा ट्रांसमिशन को कुशल, तेज़ और विश्वसनीय बनाता है। विभिन्न स्विचिंग तकनीकों के अपने-अपने लाभ और हानियाँ हैं, और इनका चयन नेटवर्क की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाना चाहिए।​

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: स्विचिंग क्या है?​

उत्तर: स्विचिंग कंप्यूटर नेटवर्किंग में डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने की प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।​

प्रश्न 2: स्विचिंग के कितने प्रकार होते हैं?​

उत्तर: मुख्यतः तीन प्रकार की स्विचिंग तकनीकें होती हैं: सर्किट स्विचिंग, पैकेट स्विचिंग और मैसेज स्विचिंग।​

प्रश्न 3: पैकेट स्विचिंग में डेटा कैसे ट्रांसमिट होता है?​

उत्तर: पैकेट स्विचिंग में डेटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से गंतव्य तक पहुंचते हैं और वहां पुनः संयोजित होते हैं।​

प्रश्न 4: सर्किट स्विचिंग का मुख्य लाभ क्या है?​

उत्तर: सर्किट स्विचिंग में डेटा ट्रांसमिशन के लिए एक स्थायी पथ स्थापित किया जाता है, जिससे विलंब कम होता है और संचार अधिक विश्वसनीय होता है।​

प्रश्न 5: मैसेज स्विचिंग का उपयोग कब किया जाता है?​

उत्तर: मैसेज स्विचिंग का उपयोग तब किया जाता है जब डेटा ट्रांसमिशन में विलंब स्वीकार्य हो और संसाधनों का कुशल उपयोग प्राथमिकता हो।​

Leave a Comment