Validation and Verification in Hindi

Validation और Verification

Verification और Validation दोनों quality check processes हैं, लेकिन इनका focus अलग होता है।

 Verification (सत्यापन):

“क्या हम product को सही तरीके से build कर रहे हैं?”

Verification यह check करता ह हम product को सही तरीके से बना रहे हैं?”  (Are we building the product right?) 

इसमें documents, design, और code को check किया जाता है कि क्या वे requirements के according हैं।

Verification यह check करने की process है कि software बिना किसी bugs के अपना goal achieve कर रहा है। यह ensure करता है कि जो product develop किया गया है, वह सही है या नहीं। यह verify करता है कि developed product हमारी requirements को पूरा करता है।

VERIFICATION का मतलब है यह सुनिश्चित करना कि हम product को सही तरीके से बना रहे हैं या नहीं। यह प्रक्रिया यह जांचती है कि क्या product या सिस्टम डिज़ाइन और Specification  के अनुसार बनाया गया है। यह PRODUCT के design specification के अनुसार बनने पर केंद्रित है।

एक ऐसा process है जिसमें यह check किया जाता है कि क्या product या system सही तरीके से बनाया गया है, यानी क्या वह predefined specifications और requirements के according है। इस process में यह देखा जाता है कि design, code, या documents सही हैं या नहीं।

Verification का मुख्य उद्देश्य यह ensure करना होता है कि product development के हर step में requirements follow की गई हैं। For example, code review या testing के through यह verify करना कि software के components सही काम कर रहे हैं।

Validation and Verification in Hindi

उदाहरण: अगर आप एक सॉफ्टवेयर बना रहे हैं, तो Verification में यह जाँचा जाता है कि, डिज़ाइन, और REQUIREMENT के हिसाब से सही है या नहीं। 

सवाल: “क्या हमने प्रोडक्ट को सही तरीके से बनाया है?” 

मान लीजिए, आप एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट बना रहे हैं। VALIDATION यह सुनिश्चित करेगा कि वेबसाइट में वे सभी सुविधाएँ हैं जो customer चाहते हैं, जैसे कि product search, cart में जोड़ना, payment  करना, और order track  करना।

 Validation (मान्यकरण):

“क्या हम सही product build कर रहे हैं?” यह जाँचना कि क्या हमने सही product बनाया है। 

Validation यह check करता है: “क्या हमने सही product बनाया है?” (Did we build the right product?) 

इसमें final product को test किया जाता है कि क्या वह user की जरूरतों को पूरा करता है।

VALIDATION यह सुनिश्चित करता है कि “क्या हम वही बना रहे हैं जो हमें बनाना चाहिए था?” यह users की आवश्यकताओं  को पूरा करने पर focus है।

VALIDATION का मतलब है यह सुनिश्चित करना कि हम सही product बना रहे हैं या नहीं। यह प्रक्रिया यह जांचती है कि क्या product या सिस्टम users की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करता है।

Validation यह check करने की process है कि software product high-level requirements को पूरा कर रहा है। यह validate करता है कि हम जो develop कर रहे हैं, वह सही product है। इसमें actual product और expected product की comparison की जाती है।

Validation एक ऐसा process है जिसमें यह check किया जाता है कि क्या बनाया हुआ product या system end-user की needs और expectations को fulfill कर रहा है। इस process में यह देखा जाता है कि final product काम करने के लिए तैयार है या नहीं।

Validation का main goal यह ensure करना होता है कि product का  use case में सही performance हो। For example, user acceptance testing (UAT) के through यह validate करना कि software user के लिए useful है।

Validation and Verification in Hindi

उदाहरण: Validation में यह देखा जाता है कि प्रोडक्ट यूजर की जरूरतों को पूरा करता है या नहीं। 

सवाल: “क्या हमने सही product   बनाया है?”

Verification यह check करती है कि “क्या हम सही product बना रहे हैं?” जबकि Validation यह check करती है कि “क्या हम सही product बना चुके हैं?” दोनों processes एक दूसरे के complementary हैं और software development lifecycle में दोनों का important role होता है।

Example: 

Verification: Code review करना कि code सही है। 

Validation: User testing करना कि software user के लिए useful है। 

दोनों processes important हैं और एक-दूसरे को complete करते हैं।

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