What is Agile Model In Hindi

What is Agile Model In Hindi

Agile Model

Agile Model सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का एक तरीका है जो इटरेटिव (Iterative) और इंक्रीमेंटल (Incremental) मॉडल्स का मिश्रण है। यह मॉडल लचीला (Flexible) और ग्राहक-केंद्रित (Customer-Centric) होता है।

इसमें सॉफ्टवेयर को छोटे-छोटे हिस्सों (जिन्हें Sprints कहते हैं) में बांटकर बनाया जाता है। प्रयेक Sprints के बाद ग्राहक को एक  संस्करण (Working Version) दिया जाता है, ताकि वह फीडबैक दे सके। 

Agile एक तरीका है सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का, जो यह मानता है कि प्रत्येक प्रोजेक्ट अलग होता है और उसकी जरूरत के हिसाब से काम किया जाना चाहिए। इसमें काम को छोटे-छोटे हिस्सों (टाइम बॉक्स) में बाँटा जाता है, ताकि हर हिस्से में कुछ खास फीचर्स पूरे किए जा सकें और रिलीज़ किए जा सकें।

Agile का विचार सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में काफी पहले से शुरू हो गया था, और समय के साथ इसकी लचीलापन (flexibility) और अनुकूलन क्षमता (adaptability) की वजह से यह और लोकप्रिय हो गया।

जिसमें working software product को जल्दी से deliver किया जाता है। Agile methods, product को छोटे incremental builds में तोड़ते हैं। ये builds iterations (पुनरावृत्तियों) में provide किए जाते हैं। हर iteration आमतौर पर 1 से 3 हफ्ते तक का होता है। हर iteration में cross-functional teams एक साथ काम करती हैं,

सबसे लोकप्रिय Agile methods में Rational Unified Process (1994), Scrum (1995), Crystal Clear, Extreme Programming (1996), Adaptive Software Development, Feature Driven Development, और Dynamic Systems Development Method (DSDM) (1995) शामिल हैं। 2001 में Agile Manifesto प्रकाशित होने के बाद, इन सभी methods को एक साथ Agile Methodologies कहा जाने लगा।

यानी, Agile एक flexible और adaptable तरीका है, जो software development को आसान और effective बनाता है।

What is Agile Model In Hindi

Steps in Agile Model

1. Requirement Gathering:

Requirement Gathering (आवश्यकताओं का संग्रह) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें project से जुड़ी सभी जरूरतों (needs) और expectations को समझा और collect किया जाता है। यह software development का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। 

ग्राहक से बातचीत करके जरूरतों को समझा जाता है। Requirement Gathering कैसे किया जाता है: 

Customer से बातचीत (Interviews)

Customers और stakeholders से direct बात करके उनकी जरूरतों को समझा जाता है। 

Surveys और Questionnaires

Surveys के जरिए customers से feedback और requirements collect किए जाते हैं। 

Workshops और Meetings

Team और customers के बीच workshops और meetings आयोजित की जाती हैं ताकि सभी requirements clear हो सकें।

 

2. Design the Requirements:

यूजर इंटरफेस (User Interface) और वर्कफ्लो (Workflow) को डिजाइन किया जाता है। 

Design the Requirements का मतलब है कि requirement gathering के बाद, उन requirements को एक structured और clear format में design करना। यह step इसलिए जरूरी है ताकि developers को यह पता चल सके कि product को कैसे बनाना है और क्या features include करने हैं। 

 

3. Construction / Iteration:

टीम सॉफ्टवेयर को बनाने का काम शुरू करती है। 

Construction या Iteration, Agile model का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें software को छोटे-छोटे हिस्सों (small parts) में बनाया जाता है। हर हिस्से को एक iteration (पुनरावृत्ति) कहा जाता है, और हर iteration में कुछ specific features develop किए जाते हैं। 

 

4. Testing / Quality Assurance:

सॉफ्टवेयर को टेस्ट किया जाता है ताकि यह सही तरीके से काम करे।

Testing / Quality Assurance (QA) क्या होता है? 

Testing या Quality Assurance (QA) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें software की quality (गुणवत्ता) और performance (प्रदर्शन) को check किया जाता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि software सही तरीके से काम कर रहा है और इसमें कोई errors (गलतियाँ) या bugs (खामियाँ) नहीं हैं। 

 

5. Deployment:

सॉफ्टवेयर को ग्राहक को डिलीवर किया जाता है।

Deployment का मतलब है कि software को develop और test करने के बाद, उसे real-world (वास्तविक दुनिया) में लॉन्च करना। यानी, software को users के उपयोग के लिए उपलब्ध कराना। 

Deployment का मतलब है कि software को develop और test करने के बाद, उसे real-world (वास्तविक दुनिया) में लॉन्च करना। यानी, software को users के उपयोग के लिए उपलब्ध कराना। 

 

Feedback:

ग्राहक से फीडबैक लिया जाता है और उसके आधार पर सुधार किया जाता है।

Feedback का मतलब है किसी product, service, या काम के बारे में users या customers की प्रतिक्रिया (reaction) या सुझाव (suggestions) लेना। यह जानना कि users को product कैसा लगा और उसमें क्या सुधार किया जा सकता है।

Feedback users की राय होती है जो यह बताती है कि product अच्छा है या उसमें कुछ कमियाँ हैं। इसे समझकर product को और बेहतर बनाया जा सकता है।

Principles of Agile Model

1. लोग और उनका आपसी तालमेल

Agile में टीम के सदस्य खुद से organized होकर काम करते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना जरूरी होता है।  टीम के बीच अच्छी communication और teamwork बहुत मायने रखती है। 

2. काम करने वाला सॉफ्टवेयर

Agile में documents के बजाय, working software को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह सॉफ्टवेयर customers को दिखाकर उनकी जरूरतों को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। 

3. ग्राहक के साथ मिलकर काम करना

शुरुआत में सभी जरूरतें पूरी तरह clear नहीं होतीं, इसलिए customers के साथ लगातार communication जरूरी होता है। इससे product को उनकी expectations के अनुसार बनाया जा सकता है। 

4. बदलाव के लिए तैयार रहना

Agile में बदलावों को quickly accept किया जाता है और उनके हिसाब से काम को adjust किया जाता है।  यह approach product को लगातार improve करने में मदद करता है। 

Characteristics of Agile Model

Flexibility:

तकनीकी और पर्यावरणीय बदलावों को आसानी से अपनाया जा सकता है। 

Incremental Development:

सॉफ्टवेयर को छोटे-छोटे हिस्सों में बनाया जाता है। 

Less Documentation:

एजाइल में डॉक्युमेंटेशन कम होता है, जिससे भविष्य में समस्याएं हो सकती हैं। 

Dependency on Team:

अगर टीम में अनुभव (Experience) की कमी हो, तो प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकता है। 

Customer Availability:

अगर ग्राहक फीडबैक देने के लिए उपलब्ध नहीं है, तो प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकता है।

Regular Feedback:

ग्राहक से नियमित फीडबैक लिया जाता है

Advantages of Agile Model

  1. सॉफ्टवेयर के कामचलाऊ संस्करण (Working Versions) जल्दी डिलीवर किए जा सकते हैं। 
  2. ग्राहक को नियमित अपडेट्स (Updates) मिलते हैं। 
  3. छोटे-छोटे हिस्सों में काम करने से रिस्क कम होता है। 
  4. टीम के सदस्य मिलकर काम करते हैं।
  5. Teamwork और cross-training को बढ़ावा देता है 
  6. इसमें टीम के सदस्य एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं और नए skills सीखते हैं। 
  7. यह fixed और बदलती हुई जरूरतों दोनों के लिए उपयुक्त है। 
  8. शुरुआत में ही काम करने वाले solutions (समाधान) deliver किए जाते हैं। 
  9. Changing environments के लिए अच्छा model है
  10. जहाँ बदलाव ज्यादा होते हैं, वहाँ Agile model बहुत कारगर है। 
  11. Minimal rules और documentation की जरूरत होती है
  12. एक ही समय में development और delivery हो सकती है। 
  13.  इसमें detailed planning की आवश्यकता नहीं होती। 

Disadvantages of Agile Model

  1. अगर ग्राहक प्रतिनिधि गलत जानकारी देता है, तो सॉफ्टवेयर गलत दिशा में बन सकता है। 
  2. केवल अनुभवी प्रोग्रामर्स ही निर्णय (Decision) ले सकते हैं। 
  3. प्रोजेक्ट को पूरा करने में कितना समय और प्रयास लगेगा, यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है। 
  4. सभी projects के लिए suitable नहीं होता। 
  5. Documentation कम होने से कभी-कभी confusion हो सकता है। 
  6. Customer की continuous involvement जरूरी है, जो हमेशा possible नहीं होता।

 

Agile model आजकल software development में बहुत popular है क्योंकि यह flexible और customer-focused है।

 

Agile SDLC Models: 

Agile Modelमें निम्नलिखित मॉडल्स (Models) होते हैं: 

 

  1. स्क्रम (Scrum):

इसमें प्रोजेक्ट को छोटे-छोटे स्प्रिंट्स (Sprints) में बांटकर काम किया जाता है। 

  1. क्रिस्टल मेथडोलॉजीज (Crystal Methodologies):

यह मॉडल टीम के सदस्यों के बीच अच्छी कम्युनिकेशन और सहयोग पर जोर देता है। 

  1. डायनामिक सिस्टम्स डेवलपमेंट मेथड (DSDM):

यह मॉडल उन प्रोजेक्ट्स के लिए है जहां जरूरतें बदलती रहती हैं। 

  1. फीचर ड्रिवेन डेवलपमेंट (FDD):

इसमें सॉफ्टवेयर को फीचर्स (Features) के आधार पर बनाया जाता है। 

  1. लीन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (Lean Software Development):

इसमें अनावश्यक कामों को हटाकर प्रोजेक्ट को सरल बनाया जाता है। 

  1. एक्सट्रीम प्रोग्रामिंग (XP):

इसमें पेयर प्रोग्रामिंग (Pair Programming) और टेस्ट-ड्रिवेन डेवलपमेंट (Test-Driven Development) का उपयोग किया जाता है। 

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