What Is Bone Marrow In Hindi – अस्थि मज्जा किसे कहते है?

What Is Bone Marrow In Hindi

अक्सर पूछा जाता हैं, What Is Bone Marrow In Hindi? इसे हम सरल हिंदी भाषा में जानेंगे कि अस्थि मज्जा (Bone marrow) क्या होता है? और यह हमारे शरीर में कैसे कार्य करता है।

अस्थि मज्जा एक मुलायम, जेल जैसा ऊतक है जो हड्डियों के मध्य भाग (medullary cavities) को भरता है। यह ऊतक रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है और इसमें अपरिपक्व कोशिकाएं (स्टेम कोशिकाएं) पाई जाती हैं।

अस्थि मज्जा प्रतिदिन अरबों नई रक्त कोशिकाएं बनाता है, जो शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने, संक्रमण से लड़ने और रक्त के थक्का बनने से रोकने के लिए आवश्यक होती हैं। इसे कभी-कभी शरीर की “रक्त कोशिका फैक्ट्री” भी कहा जाता है, क्योंकि यह हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं का मुख्य उत्पादन केंद्र है।

Bone Marrow Overview – परिभाषा

अस्थि मज्जा हमारी हड्डियों के केंद्र में पाया जाता है। विकासक्रम में, गर्भ के प्रारंभिक चरणों में रक्त कोशिकाएं योल्क सैक, यकृत और प्लीहा में बनती थीं, लेकिन गर्भ के अंतिम महीनों में अधिकांश रक्त कोशिकाएं अस्थि मज्जा में बनने लगती हैं।

वयस्क मानव शरीर में करीब 2.5 किलोग्राम (लगभग 6 पाउंड) अस्थि मज्जा होता है। यह ऊतक स्पंजी होता है और कई बार जेली जैसी बनावट वाला भी होता है।

अधिकांश हड्डियों के केंद्र भाग (medullary cavity) और लंबी हड्डियों के अंत में स्थित स्पंजी हड्डी में अस्थि मज्जा होता है।

What Is Bone Marrow In Hindi

अस्थि मज्जा मुख्यतः स्टेम कोशिकाओं से मिलकर बना होता है, जो विभाजित होकर विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकाएं और ऊतक बना सकते हैं। इसमें स्टेम कोशिकाओं के अलावा अन्य सहायक तत्व भी पाए जाते हैं।

इसमें रेशेदार संयोजी ऊतक (स्ट्रोमा) होता है, जो कोशिकाओं को सहारा देता है। साथ ही मैक्रोफेज और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाएं भी अस्थि मज्जा में मौजूद होती हैं, जो नए रक्त कोशिका निर्माण को नियंत्रित करती हैं।

लाल अस्थि मज्जा रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सक्रिय होता है, जबकि पीला अस्थि मज्जा मुख्यतः वसा (फैट) युक्त होता है और ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करता है।

Types of Bone Marrow – अस्थि मज्जा के प्रकार

Red Bone Marrow (लाल अस्थि मज्जा)

लाल अस्थि मज्जा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और इसमें रक्तजनन स्टेम कोशिकाएं (hematopoietic stem cells) होती हैं। ये कोशिकाएं विभाजित होकर लाल और श्वेत रक्त कोशिकाएं तथा प्लेटलेट्स बनाती हैं।

जन्म के समय सभी अस्थि मज्जा लाल ही होते हैं। बच्चे में लगभग सभी अस्थि मज्जा लाल होता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, लाल अस्थि मज्जा धीरे-धीरे पीले अस्थि मज्जा में परिवर्तित होने लगता है।

वयस्कों में लाल अस्थि मज्जा मुख्यतः कूल्हे की हड्डी, छाती की हड्डी, पसलियाँ, मेरुदण्ड और काँख की हड्डियों जैसी समतल हड्डियों में पाया जाता है।

Yellow Bone Marrow (पीला अस्थि मज्जा)

पीला अस्थि मज्जा मुख्यतः वसा युक्त ऊतक होता है। इसमें एडिपोसाइट (वसा कोशिकाएं) और मेसेनकाइमल स्टेम कोशिकाएं होती हैं, जो वसा, हड्डी तथा उपास्थि (cartilage) का निर्माण करती हैं। पीला अस्थि

मज्जा शरीर में ऊर्जा भंडार के रूप में कार्य करता है। गंभीर रक्त क्षति या संक्रमण जैसी स्थिति में, पीला अस्थि मज्जा लाल अस्थि मज्जा में परिवर्तित हो सकता है, जिससे अतिरिक्त रक्त कोशिकाएं बन सकें।

जन्म के समय सभी अस्थि मज्जा लाल होते हैं, लेकिन बड़े होने पर इनमें से लगभग आधा पीले मज्जे में बदल जाता है।

Cell Organelles

कोशिका के मुख्य अंगकों में केंद्रक (न्यूक्लियस) और माइटोकॉन्ड्रिया शामिल हैं। केंद्रक कोशिका का नियंत्रण केंद्र होता है जिसमें डीएनए (DNA) संग्रहित होता है और यह कोशिका की गतिविधियों को नियंत्रित करता है।

माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका को ऊर्जा (ATP) प्रदान करने का कार्य करते हैं। लाल रक्त कोशिकाओं में ये अंगक नहीं होते, इसलिए उनमें अधिक हीमोग्लोबिन भरने की जगह होती है।

श्वेत रक्त कोशिकाओं में ये अंगक पाए जाते हैं, जिससे वे जटिल कार्य (जैसे संक्रमण से लड़ना) करने में सक्षम होती हैं।

Blood Cells Produced by Bone Marrow

Red Blood Cells (लाल रक्त कोशिकाएं)

अस्थि मज्जा से निकलने वाली लाल रक्त कोशिकाएं (एरिथ्रोसाइट्स) शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने का कार्य करती हैं। इनमें केंद्रक या अन्य प्रमुख अंगक नहीं होते, इसलिए ये पूरी तरह हीमोग्लोबिन से भरी होती हैं।

ये सपाट, पतली डिस्क जैसी कोशिकाएं फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त वाहिकाओं के माध्यम से सभी ऊतकों में पहुंचाती हैं।

इनकी आयु लगभग 120 दिन की होती है, इसलिए अस्थि मज्जा को लगातार नई लाल रक्त कोशिकाएं बनानी पड़ती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं की कमी (एनीमिया) से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।

White Blood Cells (श्वेत रक्त कोशिकाएं)

अस्थि मज्जा से निकलने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं (ल्यूकोसाइट्स) प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य हिस्सा होती हैं। इनमें केंद्रक होता है, जो इन्हें लाल रक्त कोशिकाओं से अलग बनाता है।

श्वेत रक्त कोशिकाएं शरीर में घुस आए रोगाणुओं (बैक्टीरिया, वायरस आदि) से लड़ने का काम करती हैं और संक्रमण रोकती हैं। इनमें लसीका कोशिकाओं (Lymphocytes) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं।

Platelets (प्लेटलेट्स)

प्लेटलेट्स (थ्रोम्बोसाइट्स) अस्थि मज्जा से बनने वाले छोटे सेल फ्रेगमेंट होते हैं। इनमें केंद्रक नहीं होता। प्लेटलेट्स का मुख्य कार्य चोट लगने पर रक्त को थक्का बनाकर रक्तस्राव को रोकना है।

जब शरीर में कोई रक्त वाहिनी फटती है, तो प्लेटलेट्स आपस में चिपककर एक जैल जैसा थक्का बनाते हैं, जिससे रक्त बहना बंद हो जाता है।

Diseases Related to Bone Marrow

  • ल्यूकेमिया (Leukemia): रक्त और अस्थि मज्जा का कैंसर, जिसमें अस्थि मज्जा की एक रक्त कोशिका में उत्परिवर्तन हो जाता है और असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं। इस स्थिति में अस्थि मज्जा स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में असामान्य रक्त कोशिकाएं अधिक बनाने लगता है।
  • मल्टीपल मायलोमा (Multiple Myeloma): अस्थि मज्जा में प्लाज्मा कोशिकाओं का कैंसर, जिससे अस्थि मज्जा में असामान्य प्रोटीन बनाने वाली कोशिकाएं बढ़ जाती हैं।
  • अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia): दुर्लभ रोग जिसमें अस्थि मज्जा क्षतिग्रस्त हो जाता है और पर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता।
  • पॉलिसीथेमिया वेरा (Polycythemia Vera): ऐसी स्थिति जिसमें अस्थि मज्जा अत्यधिक लाल रक्त कोशिकाएं बना देता है, जिससे रक्त गाढ़ा हो सकता है।
  • मायलोडिसप्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic Syndromes): रोगों का समूह जिनमें अस्थि मज्जा पर्याप्त स्वस्थ रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता।
  • मायलोफाइब्रोसिस (Myelofibrosis): अस्थि मज्जा में विकृत संयोजी ऊतक (फाइब्रोसिस) बन जाने की अवस्था, जो रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बाधित करती है।
  • अन्य: थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसे आनुवंशिक रक्त विकार भी अस्थि मज्जा की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं।

Bone Marrow Examination

डॉक्टर जब रक्त संबंधी असामान्यता या संक्रमण का संदेह करते हैं, तो अस्थि मज्जा परीक्षण (बायोप्सी) कराया जा सकता है।

इसमें आमतौर पर कूल्हे की हड्डी (hip bone) से अस्थि मज्जा का नमूना निकाला जाता है और लैब में जांच की जाती है। यह जांच ल्यूकेमिया या अन्य रक्त विकारों में असामान्य कोशिकाएं खोजने में सहायक होती है।

Bone Marrow Transplant and Treatment

जब अस्थि मज्जा की कोशिकाएं गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त या संक्रमित हो जाती हैं, तो अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (बोन मैरो ट्रांसप्लांट) प्रभावी इलाज हो सकता है।

इस प्रक्रिया में दाता की स्वस्थ स्टेम कोशिकाएं रोगी को दी जाती हैं, जिससे नए स्वस्थ रक्त कोशिकाएं बनने लगती हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण कई प्रकार से किया जा सकता है:

  • स्वजात (Autologous): इस प्रकार के ट्रांसप्लांट में मरीज स्वयं अस्थि मज्जा दाता बनता है। मरीज की स्टेम कोशिकाएं पहले अलग कर ली जाती हैं, फिर कीमोथेरेपी के बाद इन्हें वापस मरीज में दिया जाता है।
  • एलोजेनिक (Allogeneic): इसमें आनुवंशिक रूप से मेल खाने वाले किसी अन्य दाता (रिश्तेदार या अप्रिचित) की स्टेम कोशिकाएं ली जाती हैं। दाता की स्वस्थ कोशिकाएं मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित की जाती हैं।
  • गर्भनाल रक्त प्रत्यारोपण (Umbilical Cord Transplant): नवजात शिशु के गर्भनाल (umbilical cord) से स्टेम कोशिकाएं प्राप्त की जाती हैं और जरूरत होने पर इन्हें प्रत्यारोपित किया जाता है। गर्भनाल से प्राप्त कोशिकाओं का आनुवंशिक मिलान करना आवश्यक नहीं होता।
  • पैरिफेरल ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (PBSCT): इसमें दाता की रक्त वाहिनियों से सीधे स्टेम कोशिकाएं ली जाती हैं। दाता को विशेष दवाएं दी जाती हैं जिससे अस्थि मज्जा की स्टेम कोशिकाएं रक्त में आ जाती हैं। फिर रक्त से इन कोशिकाओं को संग्रहित कर मरीज को प्रत्यारोपित किया जाता है।

अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में मरीज को पहले कीमोथेरेपी और/या विकिरण चिकित्सा दी जाती है (जिसे कंडीशनिंग कहते हैं) ताकि पुराना, क्षतिग्रस्त अस्थि मज्जा नष्ट हो जाए।

फिर दाता से प्राप्त स्टेम कोशिकाओं को मरीज की रक्तधारा में प्रविष्ट किया जाता है। परिणामस्वरूप ये प्रत्यारोपित स्टेम कोशिकाएं अस्थि मज्जा तक पहुंचती हैं और वहाँ नए स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का निर्माण शुरू कर देती हैं।

प्रत्यारोपण के बाद मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए साफ-सुथरे वातावरण में रखा जाता है और उसे सावधानीपूर्वक निगरानी में रखा जाता है।

Importance of Bone Marrow and Real-World Context

  • अस्थि मज्जा सभी रक्त कोशिकाओं (लाल, श्वेत और प्लेटलेट) के निर्माण का मुख्य केंद्र है।
  • यह शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने, रोगाणुओं से लड़ने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • स्टेम कोशिकाओं और अस्थि मज्जा से जुड़े उपचार (जैसे अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण) कई जीवनरक्षक बीमारियों के निदान और इलाज में सहायक होते हैं।

इसी कारण अस्थि मज्जा को कभी-कभी शरीर की “रक्त कोशिका फैक्ट्री” कहा जाता है।

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